# सलाम : किस्मत सिर्फ हांथो से नहीं पैरो से भी लिखी जाती है !

यूपी के अमेठी जिले के जामो थाना क्षेत्र के अचलपुर गांव की है दिव्यांग छात्रा दीपिका की मुश्किलें यही ख़त्म नहीं होती

अक्सर कहा जाता है कि किस्मत हाथों में छुपी होती है। या किस्मत हांथो से लिखी जाती है।

अपने हांथो का साथ नहीं मिला

लेकिन यूपी कि बिटिया ने इन सभी बातों को झूंठा साबित कर दिया है। इस होनहार बिटिया को जन्म से ही अपने हांथो का साथ नहीं मिला था। तो उसे लगा शायद उसका मुकद्दर ही ऊपर वाले ने लिखा है। जो जिस समाज में जिंदगी बिताने आई है अब वही समाज उसको तानों व अपसगुन मानकर दुत्कारता रहेगा।

उसने पैरों से अपनी कहानी खुद लिखी

लेकिन जैसा कि कहते है न कि प्रतिभा किसी चीज की मोहताज़ नहीं होती। अपने गुणों को निखारने के लिए साधन की नहीं साध्य की जरुरत होती है। ठीक वैसा ही इस बहादुर बिटिया ने कर दिखाया। उसने पैरों से अपनी कहानी खुद लिखी। पहले हाईस्कूल और फिर इंटर की परीक्षा पास करके अपने दम पर अपने पैरों पर खड़ी हुई। खास बात ये है वो बिटिया अपने दोनों पैरों से लिख सकती है।

किसी भी प्रकार कि कोई मदद नहीं मिली

यूपी के अमेठी जिले के जामो थाना क्षेत्र के अचलपुर गांव की है दिव्यांग छात्रा दीपिका की मुश्किलें यही ख़त्म नहीं होती। अधिकारी बनने का सपना संजोए बिटिया दीपिका को प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। उसके पिता का कहना है कि प्रशासन से अभी तक किसी भी प्रकार कि कोई मदद नहीं मिली है। प्रदेश सरकार भले ही दिव्यांगों के लिए नई नई योजनाए पहुँचाने का दम्भ भाटी हो लेकिन यहां आकर उसके वादे हवा हवाई साबित हो रहे है।

पंखो को जरुरत का आसमान नहीं मिल पाएगा

किसी भी तरह का सपोर्ट न मिलने के कारण उसके उम्मीदों के पंखो को जरुरत का आसमान नहीं मिल पाएगा। ऐसे में जरुरी है की पदेश की इस होनहार बिटिया को शासन व प्रशासन के द्वारा मदद की जाए। जिसके कारण उसके सपनो पूरे हो सके।

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