Restaurant में खीरा परोसने पर लगा ’50 हजार रुपए जुर्माना’ जाने किस देश का है यह अनोखा मामला !
चीन में एक रेस्टोरेंट में सलाद के रूप में खीरे और पांच अन्य सब्जियां परोसी गईं। इस अपराध के लिए उस पर भारी जुर्माना लगाया गया।
चीन में एक रेस्टोरेंट में सलाद के रूप में खीरे और पांच अन्य सब्जियां परोसी गईं।इस अपराध के लिए उस पर भारी जुर्माना लगाया गया। एक ककड़ी के लिए कितना जुर्माना लगाया गया? सुनकर कोई भी हैरान रह सकता है। सलाद में खीरा काटने पर सरकार ने रेस्टोरेंट पर 5,000 युआन (करीब 58,000 रुपये) का जुर्माना लगाया।
शंघाई के एक रेस्टोरेंट में हुई इस घटना से चीन में कोहराम मच गया है। चीनी सोशल मीडिया नेटिज़न्स इस पर आसक्त हो गए हैं। उनमें से कई की शिकायत है कि सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए तरह-तरह के जुर्माने लगा रही है। कई मामलों में गंभीर गलती न होने पर भी भारी जुर्माना भरना पड़ता है।
पहले भी लग चुके है ऐसे जुर्माने
नेटिज़न्स का दावा है कि सरकार न केवल रेस्तरां बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में भी इतना बड़ा जुर्माना लगा रही है। हाल ही में, ट्रक चालक भी सरकारी तौल मशीनों का उपयोग कर रहे हैं। उन्हें अक्सर कार के वजन के लिए जुर्माना भरना पड़ता है, लेकिन उन्हें कार के वजन के बारे में काफी जानकारी होती है। उनके मुताबिक सरकार की तौल मशीन का दिन पर दिन इस्तेमाल हो रहा है. कई लोग संदेह कर रहे हैं कि क्या यह ठीक से काम कर रहा है।
हाल ही में एक ट्रक चालक पर अधिक वजन के लिए भारतीय मुद्रा में 31 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया था। इतना ही नहीं वह पैसा उसे एक साल तक किश्तों में चुकाना होता है। साथ ही ज्ञात हुआ, एक और चौंकाने वाली जानकारी। अकेले जुर्माने से गुआंग्शी की आय पिछले साल 170,000 करोड़ रुपये थी। जो उनकी कुल पूंजी का लगभग 9 प्रतिशत है ! संयोग से, Guangxi चीन में सबसे बड़े सरकारी विनिर्माण केंद्रों में से एक है।
आम लोगों का उठ रहा सरकार पर से विश्वास
कई लोगों के मुताबिक इस घटना से चीन की आर्थिक स्थिति भी सामने आई है। हालांकि, इस बात का भी खतरा है कि मामूली अपराधों की भारी सजा के कारण सरकार और विभिन्न निजी निवेशों के बीच संबंध बिगड़ेंगे। कई नेटिज़न्स के अनुसार, इस वजह से आम लोगों का सरकार पर से विश्वास उठ रहा है। कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या हालात इतने खराब हो गए हैं कि खीरा खरीदना मुश्किल हो गया है? हालांकि, केंद्र सरकार पहले ही इस मुद्दे पर चर्चा करने का वादा कर चुकी है।
हैशटैग भारत की हिन्दी वेबसाईट के लिए आप यहां www.hashtagbharatnews.com क्लिक कर सकते हैं। आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।