# RIP शिंजो आबे : पूर्व पीएम ने दुनिया को कहा अलविदा, आज सुबह मारी गई थी गोली !

जापान के पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके ने बताया कि यह घटना स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11.30 बजे हुई थी

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की आज 67 वर्ष की आयु में मौत हो गई। गौरतलब होकि आज सुबह एक पोलिटिकल सभा को सम्बोधित करने के दौरान उनको गोली मारी गई थी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उनपर हमला हुआ

वहीं जापान के पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके ने बताया कि यह घटना स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11.30 बजे हुई। ध्यान दें कि आबे ने नारा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उनपर हमला हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोली चलने की आवाज सुनाई दी और आबे का खून बहता देखा गया।

छाती के बायीं ओर गोली लगने के घाव थे

लेकिन इससे पहले जापान की फायर एंड डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की थी कि पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गर्दन के दाहिनी ओर और छाती के बायीं ओर गोली लगने के घाव थे। यह भी बताया गया कि हमलावर ने 11.30 बजे भाषण के दौरान उन पर दो गोलियां चलाईं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर पूर्व फौजी

नारा पुलिस ने आबे की हत्या के प्रयास के आरोप में 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक तमंचा भी बरामद किया गया है, जिसे आरोपी ले जा रहा था। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर पूर्व फौजी है। उन्होंने पहले भी एक शैक्षणिक संस्थान में काम किया है।

हमला हुआ जिसके लिए बहुत खेद

वहीं जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने आबे पर हुए हमले को लेकर भावुक हुए इस घटना को बर्बर बताते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस हमले पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने ट्वीट किया, “मेरे प्रिय मित्र आबे शिंजो पर हमला हुआ जिसके लिए बहुत खेद है।” हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके, उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं।”

लक्ष्यों को अधूरा छोड़ना उनके लिए दर्दनाक

ज्ञात हो कि आबे ने 2020 में प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया था। यह कहते हुए कि उनकी एक पुरानी बीमारी फिर से उभर आई है। उन्होंने उस समय संवाददाताओं से कहा था कि अपने कई लक्ष्यों को अधूरा छोड़ना उनके लिए “दर्दनाक” था। उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा वर्षों पहले अपहरण किए गए जापानी नागरिकों, रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद और युद्धविराम संविधान के मुद्दे को हल करने में जापान की विफलता की बात की।

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