# फैसला : घोटाले में फंसे पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी व अर्पिता मुखर्जी की रिमांड 18 अगस्त तक बढ़ी !

ईडी के वकील ने इस बात का भी समर्थन किया कि अर्पिता की सुरक्षा खतरे में है क्योंकि चार से अधिक कैदियों को नहीं रखा जा सकता है।

कोलकाता की एक अदालत ने एसएससी भर्ती घोटाले के सिलसिले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है।

हिरासत 5 अगस्त तक बढ़ा दी थी

अदालत ने 18 अगस्त, 2022 तक उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दोनों को आज कोलकाता सिटी सेशन कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले, कोलकाता की एक विशेष अदालत ने बुधवार को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत 5 अगस्त तक बढ़ा दी थी।

चार से अधिक कैदियों को नहीं रखा जा सकता

सुनवाई के दौरान अर्पिता मुखर्जी के वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है। हम उनके लिए एक डिवीजन 1 कैदी श्रेणी चाहते हैं। पहले उनके भोजन और पानी की जांच की जाए और फिर अर्पिता को दिया जाए। ईडी के वकील ने इस बात का भी समर्थन किया कि अर्पिता की सुरक्षा खतरे में है क्योंकि चार से अधिक कैदियों को नहीं रखा जा सकता है।

पार्थ चटर्जी का वजन तीन किलोग्राम कम हो गया

अदालत में पेश होने से पहले पार्थ और अर्पिता को मेडिकल चेकअप के लिए ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी की हिरासत के दौरान पार्थ चटर्जी का वजन तीन किलोग्राम कम हो गया है। पहले उनका वजन 111 किलो था, अब उनका वजन 108 किलो है।

चटर्जी का मामले से कोई लेना-देना नहीं

सुनवाई के दौरान पार्थ के वकील ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई व्यक्ति सामने नहीं आया है जिसने कहा हो कि पार्थ चटर्जी ने रिश्वत की मांग की है। किसी के सामने भी इस तरह के आरोप किसी ने नहीं लगाए हैं, चाहे वह सीबीआई हो या ईडी। क्या एजेंसियां ​​ऐसा कोई गवाह पेश कर सकती हैं? पार्थ चटर्जी का मामले से कोई लेना-देना नहीं है। सीबीआई के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।

 

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