गेम चेंजर बनेंगे Raja Bhaiya , Akhilesh Yadav की राह बना देंगे आसान !
राज्यसभा चुनाव को लेकर दोनों की दोस्ती खत्म हुई थी ,अब फिर राज्यसभा चुनाव को लेकर ही अखिलेश यादव ने राजा भैया की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया |
ये कहावत बड़ी पुरानी है की राजनीति में न कोई स्थाई दोस्त होता है और न ही दुशमन ,लेकिन है ये बात सोलह आने सच ,तो क्या राजा भैया और अखिलेश यादव की दुश्मनी खत्म होने वाली है ! दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। वैसे राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह उनकी सरकार में मंत्री भी रहे हैं। ये संयोग ही है कि राज्यसभा चुनाव को लेकर ही दोनों की दोस्ती खत्म हुई थी। अब फिर राज्य सभा चुनाव को लेकर ही अखिलेश यादव ने राजा भैया की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, पर सवाल ये है कि क्या राजा मान जाएंगे।
राजा भैया और अखिलेश यादव की फोन पर बातचीत
राजा भैया के लखनऊ कैंट स्थित निवास रामायण पर करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। हालांकि, इस मुलाकात पर दोनों दलों के नेता चुप्पी साधे हैं। लेकिन, सूत्रों का दावा है कि राजा भैया और अखिलेश यादव की फोन पर हुई बातचीत सकारात्मक रही। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर सहमत है। सपा की ओर से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को लोकसभा चुनाव में चार से पांच सीटें देने का प्रस्ताव दिया गया है।
इस बात पर बदले थे राजा भैया और अखिलेश के रिश्ते
ठीक छह साल पहले भी यूपी में राज्यसभा के चुनाव को लेकर मतदान हुआ था। तब बीएसपी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था ,मतदान से एक दिन पहले अखिलेश यादव ने होटल ताज में विधायकों को डिनर दिया था। राजा भैया भी इस डिनर में उनके साथ थे। राजा भैया के समर्थन देने के एलान पर अखिलेश यादव ने उन्हें ट्वीट कर थैंक्यू भी कहा था। लेकिन राजा भैया ने पाला बदल कर बीजेपी के लिए वोट कर दिया। बस इसी बात पर राजा और अखिलेश के रिश्ते बदल गए। अखिलेश ने राजा भैया के थैंक्यू कहने वाला ट्वीट भी डिलीट कर दिया। ये बात अब से छह साल पहले की है ,तब से अखिलेश और राजा भैया में तनातनी बनी हुई है।
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