#Rabindranath Tagore Jayanti 2022: ‘जन जन तक’ ऐसे पहुँचाया “जन गण मन” ….

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती बोईसाख के 25 वें दिन मनाई जाती है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह 7 मई 2022 को मनाई जा रही है।

आज यानि 7 मई पूरा देश रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती मना रहा हैं। रवींद्रनाथ टैगोर एक महान बंगाली कवि, लेखक, उपन्यासकार, दार्शनिक और चित्रकार थे। बंगाली कैलेंडर के अनुसार, रवींद्रनाथ टैगोर जयंती बोईसाख के 25 वें दिन मनाई जाती है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह 7 मई 2022 को मनाई जा रही है। आज इस मौके पर जाने उनसे जुड़ी खास बातें,

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  • देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के घर साल 1861 में जन्मे रवींद्रनाथ जोरासांको ठाकुरबाड़ी, कोलकाता के रहने वाले हैं। बंगाली कैलेंडर के अनुसार, टैगोर का जन्म 1268 में हुआ था। वह 14 बच्चों में सबसे छोटे थे।
  • उन्हें प्यार और सम्मान से गुरुदेव, कविगुरु और बिस्वाकाबी कहा जाता है।

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  • प्रसिद्ध ‘ठाकुर’ परिवार से ताल्लुक रखने वाले टैगोर को रंगमंच, गायन (बंगाली और पश्चिमी), शास्त्रीय संगीत और साहित्यिक चर्चाओं की दुनिया से काफी रूबरू कराया गया। वे मानवतावाद और सार्वभौमवाद के समर्थक थे।
  • उनका पहला प्रकाशन 16 साल की उम्र में छद्म नाम भानुसिम्हा के तहत हुआ था और 8 साल की उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था।
  • वह एक बच्चे के रूप में औपचारिक स्कूली शिक्षा के माध्यम से कभी नहीं गए क्योंकि उन्हें इससे घृणा थी।

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  • वह 1913 में गीतांजलि नामक चयनित कविता के अपने संग्रह के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे। नोबेल पुरस्कार विजेता बंगाली पुनर्जागरण के प्रतिपादक थे।
  • उन्होंने 2,230 से अधिक गीतों की रचना की गई थी। रविंद्रनाथ वो व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रगान जन गण मन की रचना की थी। बांग्लादेश के राष्ट्रगान अमर सोनार बांग्ला की रचना का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।

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