# राष्ट्रपति चुनाव : तो इसलिए एनडीए ने चुना द्रौपदी मुर्मू का नाम !

एक खास बात और की अगर मुर्मू जीत जाती हैं, तो वह राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली पूर्वी भारत की पहली आदिवासी महिला होंगी

64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू ( Draupadi murmu ) देश की अगली राष्ट्रपति हो सकती हैं। यह लगभग तय है क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उन्हें अपने शीर्ष उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। कुछ विपक्षी दल भी समर्थन में उतरे हैं।

उपलब्धियों पर नजर डालें

यदि हम उनकी उपलब्धियों पर नजर डालें तो यह साफ है कि राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी उनके लिए अधिक मायने रखती है। एक खास बात और की अगर मुर्मू जीत जाती हैं, तो वह राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली पूर्वी भारत की पहली आदिवासी महिला होंगी।

उच्च कार्यकारी पद की उम्मीदवारी कर रहे

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके नाम का समर्थन किया है। आपको बता दें इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक मुस्लिम एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति भवन भेजा था। अब नरेंद्र मोदी पहले दलित रामनाथ कोविंद और फिर अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सदस्य द्रौपदी मुर्मू को उच्च कार्यकारी पद की उम्मीदवारी कर रहे हैं।

द्रौपदी मुर्मू जी का का सफर

उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर के रमा देवी कॉलेज से कला स्नातक द्रौपदी ने सिंचाई विभाग में क्लर्क के रूप में काम किया है। उसके बाद वह एक शिक्षिका बन गईं। उसके बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद द्रौपदी मुर्मू ने दो बार विधायक के रूप में उड़ीसा विधानसभा पहुंचीं। उन्हें 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राजनीति में मुर्मू को पटनायक की बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओडिशा सरकार में मंत्री बनाया गया था। फिर कुछ दिनों बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया।

नया राष्ट्रपति किसके रूप में मिलता है ?

अब एनडीए सरकार ने रामनाथ कोविंद के बाद एक बार और द्रौपदी मुर्मू को अपनी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उतारा है। अब देखना होगा कि देश को अपना नया राष्ट्रपति किसके रूप में मिलता है ?

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