Politics: सांसद मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी पर बोला हमला, कहा- हम कांग्रेस के किरायेदार नहीं !
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, G-23 ने जो कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी की स्थिति को लेकर चिट्ठी लिखी थी, अगर उसपर ध्यान दिया गया होता तो आज ऐसी नौबत नहीं आती। मनीष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं इस पार्टी का किरायेदार नहीं, बल्कि सदस्य हूं।
दो साल पहले ही जताई थी चिंता !
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि 2 साल पहले हम में से 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी थी, और कहा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है। इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई। अगर कांग्रेस और भारत एक जैसा सोचते हैं तो लगता है कि दोनों में से किसी एक ने अब अलग सोचना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस और भारत के बीच समन्वय में दरार !
सूचन एजेंसी ANI से बात करते हुए मनीष ने कहा, ऐसा लगता है कि 1885 से मौजूद कांग्रेस पार्टी और भारत के बीच समन्वय में दरार आ गई है। इसे आत्मनिरीक्षण की जरूरत थी। मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती। उन्होंने गुलाम नबी के इस्तीफे पर कहा कि मैं गुलाम नबी आजाद के पत्र के गुण-दोष में नहीं जाना चाहता। वह इसके बारे में समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे।
हम कांग्रेस के किरायेदार नहीं- मनीष
मनीष तिवारी ने कहा कि उन्हें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं। मैं यह पहले भी कह चुका हूं कि हम इस संस्था (कांग्रेस) के किरायेदार नहीं हैं, हम पार्टी के सदस्य हैं। अब अगर आप हमें बाहर निकालने की कोशिश करेंगे तो यह दूसरी बात है।
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