# राजनीतिक शख्सियत : देश की राजनीति में शांत बीरबल है शरद पवार !

सियासी पिच से लेकर क्रिकेट की पिच तक ऐसी धुंवाधार बल्लेबाज़ी की शायद ही कोई राजनीतिक धुरंधर उनका रिकॉर्ड तोड़ पाए

देश के वर्तमान राजनीतिक धुरंधरों की बात करें तो ऐसे कई राजनेता ( Politician ) है जो अपनी चाल से विपक्षियों को ऐसी पटकनी देतें है की विरोधी भी सन्न रह जाता है की आखिर ये क्या क्या हो गया ? ऐसे ही एक राजनेता महाराष्ट्र की राजनीति सक्रीय है। जिन्होंने अपने निर्णय व दांव से विरोधियों को नाकों चने चबवा दिए।

बड़े से बड़े पेशकश को भी एक पल में ठुकरा दिया

वो चर्चित नाम है नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी यानि की एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार। जी हाँ ये वहीं शरद पवार है जो महाराष्ट्र के चार बार के सीएम रह चुके है। ये वहीं शरद पवार है जिनकी पार्टी को बर्खास्त किये जाने के बाद उन्होंने फिर से उसे खड़ा किया। ये वही शरद पवार है जिन्होंने अपनी शर्तो पर जीने के लिए बड़े से बड़े पेशकश को भी एक पल में ठुकरा दिया। आज हम आपको उनसे जुडी कुछ खास बातें बताने जा रहे है |

शरद पवार आज भी नॉट आउट

12 दिसम्बर 1940 को महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे शरद पवार ने सियासी पिच से लेकर क्रिकेट की पिच तक ऐसी धुंवाधार बल्लेबाज़ी की शायद ही कोई राजनीतिक धुरंधर उनका रिकॉर्ड तोड़ पाए। हालाँकि उनपर आरोपों व घोटालों की यॉर्कर समय समय पर पड़ती रही। साल 1967 में अपनी सियासी पारी शुरू करने वाले शरद पवार आज भी नॉट आउट है।

कुछ पन्ने राजनीतिक सफर के

  • 1984 में, उन्होंने बारामती से पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। वह 20 मई 1999 को कांग्रेस से अलग हो गए और 25 मई 1999 को राकांपा का गठन किया।
  • एनसीपी का गठन शरद पवार, तारिक अनवर और पीए संगमा ने किया था। ये तीनों पहले कांग्रेस में थे।
  • उनके नाम महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड है। 1993 में, उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
  • अपने राजनीतिक करियर में वे यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।
  • वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पवार 2005 से 2008 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे और 2010 में आईसीसी के अध्यक्ष बने।
विवादों से साया जैसा साथ

शरद पवार को अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई विवादों का भी सामना करना पड़ा है। अब्दुल करीम तेलगी ने शरद पवार को 600 अरब रुपये के स्टांप घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। इसके अलावा शरद पवार पर 2007 में गेहूं खरीद में हजारों करोड़ रुपये के गबन का भी आरोप है। वहीं, शरद पवार पर 2009 में चीनी आयातकों और 2011 में प्याज आयातकों का पक्ष लेने का आरोप है।

हाल ही की महाराष्ट्र राजनीति

वर्त्तमान में जो महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक चल रही है उनको देखा जाए तो अभी फ़िलहाल कांग्रेस , शिवसेना व उनकी एनसीपी पार्टी का गठबंधन वाली सरकार है। जिसमे अभी फ़िलहाल दरार पड़ती हुई नज़र आ रही है। ऐसे में उद्धव ठाकरे का उनसे गुपचुप मंत्रणा करना व शरद पवार का कद साफ करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button