PM Modi ने दी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि, किया आदि महोत्सव का उद्घाटन !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया. इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे। पीएम मोदी ने यहां स्वतंत्रता सेनानियों और भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी। आदिवासी समुदायों द्वारा निर्मित श्री अन्ना कार्यक्रम का केंद्र बिंदु होगा।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ये अनंत विविधताएं हमें एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सूत्र में पिरोती हैं. आप सभी को ‘आदि महोत्सव’ की हार्दिक शुभकामनाएं। ऐसा लगता है जैसे आज भारत की विविधता और भव्यता एक साथ आ गई है। यह भारत के अनंत आकाश की तरह है जिसमें इसकी विविधता इंद्रधनुष की तरह उभरती है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘यह पर्व विकास और विरासत की सोच को और जीवंत बना रहा है। जो खुद को दूर मानता था, अब सरकार उसके दरवाजे पर जा रही है, उसे मुख्य धारा में ला रही है। आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत संबंधों और भावनाओं का विषय है।

मुझे अपनों से जुड़ने का अहसास

पीएम मोदी ने कहा, ‘आपके बीच में आकर मुझे अपनों से जुड़ने का अहसास होता है। मैंने देश के कोने-कोने में आदिवासी समुदायों और परिवारों के साथ कई सप्ताह बिताए हैं। मैंने आपकी परंपराओं को करीब से देखा है, उनसे सीखा है और उन्हें जिया भी है। आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश की विरासत और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत आदिवासी परंपरा को वैश्विक मंचों पर अपनी विरासत और गौरव के रूप में पेश करता है. आज भारत दुनिया को बताता है कि क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का समाधान चाहिए तो हमारे आदिवासियों की रहन-सहन की परंपरा देखिए। तुम्हें रास्ता मिल जाएगा।’

उन्होंने कहा, ‘हम किस तरह से संसाधन लेकर प्रकृति का संरक्षण कर सकते हैं, इसकी प्रेरणा हमें अपने आदिवासी समाज से मिलती है। भारत के आदिवासी समाज द्वारा बनाए गए उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और इन्हें विदेशों में निर्यात किया जा रहा है। आज अलग-अलग राज्यों में 80 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं, जिनमें सवा करोड़ से ज्यादा सदस्य हमारे आदिवासी भाई-बहन हैं और बड़ी संख्या में हमारी मां-बहनें हैं।

आदिवासी उत्पाद ज्यादा से ज्यादा बाजार में पहुंचे

पीएम मोदी ने कहा, ‘आदिवासी उत्पाद ज्यादा से ज्यादा बाजार में पहुंचे, उनकी पहचान बढ़े, उनकी मांग बढ़े, इस दिशा में भी सरकार लगातार काम कर रही है। देश के विभिन्न राज्यों में तीन हजार से अधिक ‘वन धन विकास केंद्र’ स्थापित किए जा चुके हैं। आज सरकार लगभग 90 लघु वन उत्पादों पर MSP दे रही है।

सरकार का जोर आदिवासी कलाओं को बढ़ावा देने

उन्होंने कहा कि आज सरकार का जोर आदिवासी कलाओं को बढ़ावा देने और आदिवासी युवाओं के कौशल को बढ़ाने पर है। देश में नए जनजातीय शोध संस्थान खोले जा रहे हैं। ये प्रयास आदिवासी युवाओं के लिए अपने ही क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रहे हैं। आदिवासी बच्चे देश के किसी भी कोने में हों, उनकी शिक्षा और उनका भविष्य मेरी प्राथमिकता है। 2004 से 2014 के बीच केवल 90 ‘एकलव्य स्कूल’ खोले गए जबकि 2014 से 2022 तक हमने 500 से ज्यादा ‘एकलव्य स्कूल’ स्वीकृत किए हैं। इनमें से 400 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है और एक लाख से ज्यादा आदिवासी छात्र इन स्कूलों में पढ़ने लगे हैं।

 

 

 

 

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