कई बार असफल होने के बाद 7 वीं बार में पास की UPSC परीक्षा !

आईएएस ऑफिसर के जयगणेश ने सातवीं बार में सिविल सेवा की परीक्षा क्रैक की और आईएएस बनने की जूनून में इंटेलीजेंस ब्यूरो की नौकरी भी छोड़ चुके हैं।

IAS Officer : आईएएस ऑफिसर के जयगणेश ने सातवीं बार में सिविल सेवा की परीक्षा क्रैक की और आईएएस बनने की जूनून में इंटेलीजेंस ब्यूरो की नौकरी भी छोड़ चुके हैं। कभी होटल में वेटर की नौकरी करते थे। आपको बता दें कि ये IAS अधिकारी, 6 बार फेल हुए और 7वीं बार में पास कर ली।

IAS Officer के जयगणेश की कहानी

इससे पता चलता है, किसी भी काम में सफलता पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है, आत्मविश्वास। जब बात यूपीएससी सिविल सर्विस जैसे कठिन परीक्षा की हो आत्मविश्वास के साथ-साथ संयम रखने की आवश्यकता होती है। अगर आप खुद पर विश्वास नहीं रखते हैं तो आप कभी सफलता हासिल नहीं कर पाएंगे। आईएएस ऑफिसर के जयगणेश की कहानी इन्हीं बातों का उदाहरण बनकर सामने आई हैं। जयगणेश अपने सपने को पूरा करने के लिए होटल में वेटर तक की नौकरी कर चुके हैं। जयगणेश की सफलता की कहानी सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।

 

जयगणेश पढ़ने में थे होशियार

जयगणेश का घर तमिलनाडु के उत्तरीय अम्बर के पास एक छोटा सा गांव है। इस गांव के रहने वाले जयगणेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यही से पूरी की। जयगणेश चार भाई-बहन हैं, जिनमें वे सबसे बड़े हैं। जयगणेश पढ़ने में शुरू से ही बहुत होशियार थे। उन्होंने बारहवीं की परीक्षा 91 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी। 12वीं के बाद उन्हें तांथी पेरियार इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन मिला । जहां उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की।

इंजीनियरिंग की नौकरी में मिले 2500 रुपये

इंजीनियरिंग पूरा करने के बाद जयगणेश की नौकरी एक कंपनी में लग गई, जहां उन्हें हर महीने 2500 रुपये सैलरी मिलती थी।जयगणेश का मन नौकरी में नहीं लगा। उन्हें लगने लगा कि इतने कम सैलरी में घर नहीं चलेगा, उनके मन में विचार आया कि क्यों न सिविल सेवा की तैयारी की जाए। उन्होंने जोर-शोर से पढ़ाई शुरू कर दी और इसकी परीक्षा भी दी।

यूपीएससी की परीक्षा में असफल हुए कई बार

आपको बता दें कि जय गणेश ने यूपीएसएसी की परीक्षा करीब छह बार दी और वह असफल रहे। कभी प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाते तो कभी फाइनल में, परीक्षा में असफलता से वह कई बार हताश भी हुए। अपना खर्च चलाने के लिए होटल में वेटर का काम शुरू कर दिया था और होटल से लौटकर आने के बाद जितना समय मिला जय गणेश ने पूरी ईमानदारी से पढ़ाई की।

 

 

7वीं बार में मिली सफलता

इस दौरान जयगणेश ने इंटेलीजेंस ब्यूरो की परीक्षा दी और उसमें सफल भी हो गए। लेकिन उनके सामने एक विकट समस्या खड़ी हो गई थी। वो समझ नहीं पा रहे थे कि नौकरी ज्वॉइन करें या फिर 7वीं बार सिविल सेवा की परीक्षा दें,फिर तय किया कि वह अपने आईएएस का सपना नहीं छोड़ेंगे और वह इंटेलीजेंस की नौकरी छोड़ दी।ऐसे में के जयगणेश ने सातवीं बार सिविल सेवा की परीक्षा दी और इस बार उन्हें सफलता मिली।

उन्होंने इस परीक्षा में 156वीं रैंक हासिल की और उनकी मेहनत रंग लाई। जयगणेश की कहानी युवाओं को प्रेरणा देती है कि अगर खुद पर विशवास है तो सफलता जरूर मिलती है।

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