आपका एक मिनट हैं उपयोगी, शरीर को रख सकता है “निरोगी” ! जानिए वजह !

योग करने से बीमारियां दूर होती हैं और मानसिक तनाव भी दूर होता है, इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ और हैमस्ट्रिंग मजबूत होती हैं

योग एक स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरूरी है। योग करने से बीमारियां दूर होती हैं और मानसिक तनाव भी दूर होता है।  इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं प्रसारित पादोत्तानासन ( Prasarita Padottanasana ) के फायदे।  जी हां, यह आसन सेहत के लिए जबरदस्त फायदे पहुंचाता है।  इसे करने का समय 30 से 60 सेकेंड तक बताया गया है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ और हैमस्ट्रिंग मजबूत होती हैं। जबकि पसलियों और टांगों को अच्छा स्ट्रेच मिलता है।

प्रसारित पादोत्तानासन

प्रसारित पादोत्तानासन संस्कृत भाषा का शब्द है, जो शब्द चार शब्दों से मिलकर बना है। पहले शब्द प्रसारित का अर्थ फैलाना है।  दूसरे शब्द पाद का अर्थ पैर है, तीसरे शब्द उत्तान का अर्थ आगे की तरफ झुकना होता है। जबकि चौथे शब्द आसन का अर्थ किसी विशेष स्थिति में खड़े होने, झुकने या बैठने से होता है। इसे अंग्रेजी में पोश्चर भी कहा जाता है।

कैसे करे ये आसन

इस आसन में पैरों को बराबर में फैला लें और हाथों को कूल्हों पर रखें।
सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए सामने की ओर कमर से झुकें।
अब कुहनियों को जमीन पर टिकाएं, कंधों को सीधा रखें और उंगलियों को आपस में अटका लें।
अब सिर को जमीन पर रखें. यदि सिर जमीन तक पहुंच नहीं पा रहा तो योग ब्लॉक का इस्तेमाल कर उस पर सिर टिका सकते हैं।
इसी मुद्रा में 10 बार सांस लें और छोड़ें।
अब सांस लेते हुए सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को कमर पर रखें।

प्रसारित पादोत्तानासन के फायदे

यह आसन पैरों और एड़ी को मजबूती प्रदान करता है।
इसके अलावा रीढ की हड्डी को सीधा करता है।
घुटने के पीछे की नस (हैम्स्ट्रिंग) में खिचाव लाता है।
पेट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।

प्रसारित पादोत्तानासन का अभ्यास करने का सही समय 

योग एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस आसन का अभ्यास करने से पहले अपने पेट और आंतों को खाली रखना सुनिश्चित करें। इसके लिए कम से कम चार से छह घंटे पहले अपना भोजन करें। ताकि आपका भोजन पच जाए और अभ्यास के दौरान खर्च करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा हो। सुबह सबसे पहले योग का अभ्यास करना सबसे अच्छा है।

सावधानियां 

यदि आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द या चोट है तो हर कीमत पर इस आसन से बचें।
इसके अलावा, साइनस कंजेशन होने पर इस आसन से बचें।

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