ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में अब निजी कंपनी संभालेगी टेस्ट की कमान
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के काम अब प्राइवेट कंपनियों के जिम्मे सौपा जाएगा। जिससे की विचौलिया का काम खत्म हो सके। अगस्त सितंबर तक निजी कंपनियां इसकी कमान संभालेगी।
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में बदलाव होने जा रहा है जिससे अब बिचौलिया का पत्ता साफ हो जाएगा। आरटीओ के अधीन ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को निजी हाथों में सौपने की तैयारी चल रही है। यदि सब कुछ अच्छ रहा तो अगस्त-सितंबर तक निजी कंपनी संभाल लेगी। इस व्यवस्था के जरिए डीएल के लिए लर्निंग का टेस्ट कंपनी लेगी।
वर्तमान में करौंदी स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ड्राइविंग लाइसेंस बन रहा है। इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण प्रमाणपत्र लेने के बाद ही आरटीओ की ओर से लाइसेंस की अनुमति दी जाती है। निजी कंपनी के मानक अनुसार, टेस्टिंग ट्रैक पर सेंसर लगाए जा रहे हैं। सेंसर के जरिये टेस्टिंग में वाहन के टकराने पर ऑटोमेटिक सूचना कंपनी को मिलेगी। इस पर डीएल आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
वहीं, अब तक इस व्यवस्था में बिचौलिए हावी हैं। वे बिना टेस्ट ही डीएल बनवा देते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अगस्त-सितंबर तक निजी कंपनी काम संभाल लेगी। एआरटीओ प्रशासन सर्वेश चतुर्वेदी ने बताया कि निजी कंपनी टेस्ट लेगी। कंपनी की अनुमति के आधार पर ही परिवहन विभाग डीएल को मंजूरी देगा।
एजेंसियों से मांगे गए आवेदन
आरआई प्राविधिक हरिओम ने बताया कि मंडलस्तर पर स्थापित ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को प्राइवेट कंपनी देने की कार्रवाई की जा रही है. जिलास्तर पर ड्राइविंग ट्रेनिंग कॉलेज खोलने के लिए कंपनियों एजेंसियों से आवेदन मांगे गए हैं. जिसके तहत मंडल से बिजनौर, रामपुर, अमरोहा औक संभल में कॉलेज खोले जाएंगे।
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