‘कोई भी व्यक्ति दो सीटों पर एक साथ चुनाव न लड़े’, SC ने खारिज की याचिका !
एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि एक ही व्यक्ति को...

एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि एक ही व्यक्ति को एक चुनाव में दो सीटों से उम्मीदवारी नहीं भरनी चाहिए। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम भारत के नागरिकों को यह रियायत देता है। अगर कोई बदलाव करना है तो उसे संसद में जाना चाहिए। ऐसा करने का अधिकार केवल संसद को है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह नीति और राजनीतिक लोकतंत्र का मामला है। इस पर सिर्फ संसद ही फैसला ले सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के कुछ प्रावधानों के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि 1996 तक एक व्यक्ति कई सीटों पर चुनाव लड़ सकता था। हालांकि अब दो पर ही लड़ सकते हैं। कई देशों में एक व्यक्ति केवल एक सीट पर चुनाव लड़ सकता है। एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का अधिकार देना संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा था कि जब दोनों सीटों से कोई जीतता है तो एक सीट छोड़नी पड़ती है। ऐसे में वहां दोबारा चुनाव होते हैं और मतदाताओं को फिर से मतदान करना होता है। ऐसे में न केवल पैसे की बर्बादी होती है बल्कि मतदाताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस पर CJI ने कहा कि यह विधायिका का काम है. 1996 में संसद ने इस तरह के कानून में बदलाव किया।
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