आम आदमी पार्टी में भूचाल, नही चली केजरीवाल की IAS वाली कोई चाल, मनीष सिसोदिया अरेस्ट !
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का जो किस्सा आपने अब तक सुना, वो सिर्फ इतना ही नहीं है, बल्कि देश के इतिहास का ये ऐसा घोटाला है

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का जो किस्सा आपने अब तक सुना, वो सिर्फ इतना ही नहीं है, बल्कि देश के इतिहास का ये ऐसा घोटाला है जिसे पकड़ना सीबीआई के लिए भी काफी मुश्किल था, पर कहते हैं सीबीआई चाहे तो पाताल से भी ढूंढकर सबूत निकाल ले, और यहां हुआ भी ऐसा ही, सूत्रों के हवाले से जो ख़बर मिली है उसके मुताबिक सिसोदिया जब बंद कमरे में सीबीआई के अधिकारियों के सामने बैठे, तो उन्हें फाइलों वाले कागजी सबूत नहीं दिखाए गए, बल्कि डिजिटल सबूत दिखाए गए ।
क्या है ये आबकारी शराब नीति घोटाला
मामले में जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो दिल्ली सरकार ने अपनी नई नीति को ही वापस ले लिया और फिर से निजी हाथों की जगह सरकारी निगमों को शराब बिक्री करने की इजाजत दे गई। यानी कि पूरी योजना को ही सरकार ने वापस ले लिया था। तब से विपक्ष यह सवाल उठा रहा था कि जब आबकारी नीति में भ्रष्टाचार नहीं हुआ था तो पूरी योजना क्यों वापस लेने पर सरकार मजबूर हुई। दाल में कहीं न कहीं काला तो है।
गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई ने कहा कि…
सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई ने कहा है कि नई आबकारी नीति में अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए उपमुख्यमंत्री और प्रभारी आबकारी मंत्री और 14 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसमें मुंबई के एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ और छह अन्य लोगों के खिलाफ 25 दिसंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था। डिप्टी सीएम को 19 फरवरी 2023 को जांच में सहयोग करने के लिए सीआरपीसी की धारा 411 के तहत नोटिस जारी किया गया था।
हालांकि उन्होंने व्यवस्था का हवाला देते हुए 1 सप्ताह का समय मांगा था और उनके अनुरोध पर आज फिर नोटिस जारी किया गया हालांकि उन्होंने टालमटोल जांच में सहयोग नहीं किया इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया ।
Central bureau of investigation ने सीएम को आईपीसी की धारा 120 बी यानी कि अपराधिक साजिश , धोखाधड़ी करने का इरादा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया गया है। सबूतों में कुछ सबूत दस्तावेज के रूप में है और कुछ सबूत डिजिटल एविडेंस के रूप में सीबीआई ने जब मनीष सिसोदिया थे इस बारे में पूछताछ की तो मनीष कोई जवाब नहीं दे पाए ।
जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे सिसोदिया
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया है इस मामले में एक ब्यूरोक्रेट का बयान सामने आया है जिसका कहना है कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी और ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के सामने आपकारी नीति रखने से पहले कुछ निर्देश भी दिए थे ।
यह आपको बता दें कि आबकारी विभाग में जो चर्चा हुई है जो फाइलों का रिकॉर्ड है वह नहीं मिला है यह बात सामने आई है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे शराब नीति में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए थे जो पहले मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे और इस पर सिसोदिया ने कुछ भी बताने से असमर्थता जताई है मनीष सिसोदिया यह नहीं बता पाए कि आखिर प्रावधानों को उन्होंने कैसे शामिल किया और साथ ही फाइलों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है।
ज्यादातर सवालों के जवाब में सिसोदिया ने कहा कि मुझे नहीं पता आबकारी विभाग में काम करने वाले एक अधिकारी ने बताया है कि ड्राफ्ट को बदलने में सिसोदिया की भूमिका का खुलासा है और वही जब किए गए डिजिटल साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच से पता चला है कि प्रावधान व्हाट्सएप पर एक अधिकारी द्वारा प्राप्त किए गए थे।
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