New Delhi: AAP ने ‘मुफ्त रेवडी क्लचर’ मामले में SC में दायर की याचिका, 11 अगस्त को होगी सुनवाई !
आम आदमी पार्टी ने मुफ्त रेवड़ी पर लगातार हो रही चर्चा के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी है।
आम आदमी पार्टी ने मुफ्त रेवड़ी पर लगातार हो रही चर्चा के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी है। याचिका के आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जन कल्याण पर खर्च को मुफ्त रेवड़ी नहीं माना जा सकता। अब इस मामले में 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगली सुनवाई की जाएगी।
केजरीवाल बोले- फ्री बिजली, पानी नहीं है रेवड़ी कल्चर !
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि लोगों को मुफ्त में बिजली, पानी, वाईफाई, और ट्रांसपोर्टेशन देना ‘मुफ्त की रेवडी क्लचर’ नहीं माना जा सकता है, जैसा भाजपा दावा करती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं राजनीतिक पार्टियों का लोकतांत्रिक और संवैधानिक हक़ है।
AAP ने साधा भाजपा पर निशाना !
आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ पार्टी के लिए कर्ज माफी और टैक्स में राहत देना मुफ्त योजना नहीं है। ये लोग सत्ता में आने से पहले कुछ वादे करते हैं, लेकिन सरकार बनने के बाद कुछ और ही करते हैं। AAP ने सोमवार को कहा कि पीएम मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में हर एक भारतीयों के अकाउंट में 15 लाख रुपए और दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।
क्या कहा था पीएम मोदी ने ?
दरअसल, पीएम मोदी ने यूपी में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करते हुए कहा था कि देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश की जा रही है। ये देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इससे सावधान रहना है। उन्होंने कहा, रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेस-वे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। पीएम मोदी ने आगे कहा था कि मुफ्त रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है और मुफ्त रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है।
SC ने 3 अगस्त को की थी सुनवाई !
सुप्रीम कोर्ट में तीन अगस्त को मुफ्त की रेवडी क्लचर वाले बयान पर सुनवाई की थी। तब कोर्ट ने कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल इस पर बहस नहीं करना चाहता, क्योंकि सभी पार्टियों के लिए यह योजना चुनाव के लिहाज से फायदेमंद है और सभी पार्टियां ऐसी योजना को जारी रखना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा था कि मुफ्त योजना से सरकारी खजानों को नुकसान पहुंचता है। केंद्र सरकार और चुनाव आयोग इस पर रोक लगाने के लिए विचार करे।
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