मुलायम सिंह ने यादवों को दिलाया सम्मान – बाबा रामदेव !
समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सैफई के मेला मैदान में बने अखाड़े में कई बार कुश्ती लड़ी थी, लेकिन आज उनका पंचतत्व में विलय हो गया...
समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सैफई के मेला मैदान में बने अखाड़े में कई बार कुश्ती लड़ी थी, लेकिन आज उनका पंचतत्व में विलय हो गया। उन्हें विदाई देने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शरद पवार, अभिषेक बच्चन और अनिल अंबानी समेत कई बड़ी हस्तियां सैफई पहुंची थीं। इस अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी नेताओं ने नेताजी को अंतिम विदाई दी और उन्हें अपने-अपने तरीके से याद किया।
आखिरी पंक्ति में खड़े लोगों को आगे बढ़ाया
नेताजी को विदाई देने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव भी सैफई पहुंचे और अखिलेश यादव को समर्थन दिया। बाबा रामदेव ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘नेताजी ने आखिरी पंक्ति में खड़े लोगों को आगे बढ़ाया। इसलिए गरीब और पिछड़े लोग उन्हें नेताजी कहते थे। उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक न्याय जिया। हम केवल उस महान योद्धा को सलाम कर सकते हैं जिसने समाजवाद की ज्योति जलाई थी।’
बाबा रामदेव ने आगे कहा कि जब कोई महापुरुष कुछ करने की कोशिश करता है तो उसके पीछे पूरा देश एक साथ खड़ा होता है। नेताजी केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं थे। पूरे देश में उनके प्रति दीवानगी थी।
40 साल पहले लोग नाम में यादव नहीं लगते थे
बाबा रामदेव ने आगे कहा कि 20 से 22 साल पहले वे भारी बारिश के बीच हरिद्वार आए थे और पतंजलि योगपीठ का उद्घाटन किया था। उसके बाद हमने जो भी लड़ाई लड़ी, उसमें मुलायम सिंह यादव ने हमारी मदद की। उनके लिए राजनीति निश्चित रूप से एक सीढ़ी थी, लेकिन उससे आगे जाकर उन्होंने लोकधर्म और राजधर्म का पालन किया। उन्होंने कहा कि मुलायम यादव ने ही यदुवंशियों को गौरवान्वित किया। 40 साल पहले लोग अपने सरनेम में यादव नहीं लिखते थे। यह गौरव मुलायम सिंह यादव ने ही दिया था।
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