Monkeypox Virus: पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स ने मचा रखा है तहलका !
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ था कि, मंकीपाक्स के कहर ने दुनिया भर में दे दी है दस्तक।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ था कि, मंकीपाक्स के कहर ने दुनिया भर में दे दी है दस्तक। बताया गया है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपाक्स के प्रकोप को अब वैश्विक आपातकाल घोषित किया है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपाक्स दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुका है।
कब आया मंकीपॉक्स का कहर
बताया गया है इंसानों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) की पहचान पहली बार 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (Democratic Republic of Congo) में एक 9 महीने के लड़के में हुई थी, जहां 1968 में चेचक को समाप्त कर दिया गया था।
मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले ग्रामीण, वर्षावन क्षेत्रों से मंकीपॉक्स के मामले सामने आ रहें हैं। आपको बता दें की अफ्रीका में मंकीपॉक्स का पहला मामला 2003 में सामने आया था।
क्या है मंकीपॉक्स वायरस?
- मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरस (जानवरों से इंसानों में फैलने वाला) है। यह वायरस बंदर के अलावा चूहे, गिलहरी और डॉर्मिस जैसे जानवरों में भी मिलता है।
- 1958 में मंकीपॉक्स पहली बार एक बंदर में पाया गया था, जिसके बाद 1970 में यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल भी चूका था।
- वायरस का संक्रमण का इलाज उपलब्ध है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक (According to the World Health Organization) मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स (Monkeypox) से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने पर मंकीपॉक्स फैल सकता है, ऐसे व्यक्तियों को आइसोलेशन में रहना चाहिए और किसी स्वस्थ व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आने से बचना चाहिए। मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाइये।
वायरस संक्रमित जानवरों के काटने से या उनके संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
मंकीपॉक्स से बचाव एवं उपचार
- बुखार
- सिर दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (swollen lymph nodes)
- ठंड लगना
- त्वचा का फटना
- शरीर में रैशेज
- खुजली की समस्या
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए सबसे पहले सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन करिये। बता दें कि अगर आप मंकीपॉक्स से पीड़ित हैं, तो चेचक का टीका यानी वैक्सीन जरूर लगवाएं।
सैनिटाइजर का जरूर करें इस्तेमाल
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद हाथों को साबुन और साफ पानी से धोयें और इसके अलावा, सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें।
आपको दें कि वर्तमान समय में मंकीपॉक्स का कोई इलाज नहीं है। मंकीपॉक्स होने पर चेचक का टीका लगवाएं। डॉक्टर से सम्पर्क करें।