# मोहम्मद जुबैर केस : ” एक पोस्ट को रीट्वीट करें और कहें कि मुझे नहीं पता, इसका कोई मतलब नहीं ” – दिल्ली पुलिस

साथ ही कहा अगर किसी का नाम कई मामलों में है, तो हमें सभी मामलों में उससे पूछताछ करने का अधिकार है

न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को मंगलवार को कथित तौर पर सांप्रदायिक माहौल देने के आरोप में गिरफ्तार ( Arrest ) किया गया था। जिसके एक दिन बाद दिल्ली पुलिस के आईएफएसओ सेल के उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ​​ने कहा कि ” ट्विटर पर अभद्र भाषा मोहम्मद जुबैर के आपत्तिजनक ट्वीट का अनुसरण करती है।”

दो चीजें – तकनीकी उपकरण और उद्देश्य

उन्होंने आगे कहा कि “दो चीजें – तकनीकी उपकरण और उद्देश्य – महत्वपूर्ण थे। वह दोनों ही मामलों में गलत था, फोन को फॉर्मेट किया गया था। इन्हीं आधारों पर उसे गिरफ्तार किया गया था।

मुझे नहीं पता, इसका कोई मतलब नहीं

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘अगर आप सोशल मीडिया पर कोई आइडिया दिखाते हैं, तो वे आपके आइडिया बन जाते हैं। एक पोस्ट को रीट्वीट करें और कहें कि मुझे नहीं पता, इसका कोई मतलब नहीं है। जिम्मेदारी आपकी है। समय मायने नहीं रखता, सिर्फ रीट्वीट करने से पुराना ट्वीट नया हो जाता है। पुलिस कार्रवाई इस बात पर निर्भर करती है कि मामला हमारे संज्ञान में कब आया।

जमानत नहीं मिली, मामला कहीं न कहीं मजबूत

उन्होंने कहा, “अगर किसी का नाम कई मामलों में है, तो हमें सभी मामलों में उससे पूछताछ करने का अधिकार है। न्यायपालिका ने दखल दिया कस्टडी दी, जमानत नहीं मिली, मामला कहीं न कहीं मजबूत है। इसे राजनीति से प्रेरित कहना सही नहीं है। हम उस हिरासत को बढ़ाने की मांग करेंगे।”

 

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