‘ पत्नी की किसी दूसरी महिला से तुलना भी मानसिक प्रताड़ना ‘ : हाईकोर्ट

केरल उच्च न्यायालय ने माना है कि बार-बार ताने मारना कि वह अपने पति की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही है यह भी मानसिक क्रूरता में आएगा

पत्नी के साथ दुर्व्यवहार को लेकर केरल हाईकोर्ट ने आज बड़ा बयान दिया है। केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि पत्नी की अन्य महिलाओं से तुलना करना भी मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। केरल उच्च न्यायालय ने यह भी माना है कि बार-बार ताने मारना कि वह अपने पति की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही है यह भी मानसिक क्रूरता में आता है।

सुलह की तमाम कोशिशें नाकाम

केरल हाईकोर्ट ने तलाक के एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। बताया जाता है कि एक शख्स ने तलाक के लिए केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस शख्स की शादी 2019 में हुई थी। दोनों में सुलह के प्रयास विफल रहे। सुलह की तमाम कोशिशें नाकाम होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा।

अन्य महिला से तुलना करना मानसिक क्रूरता

महिला की ओर से पति द्वारा की गई क्रूरता का जिक्र किया गया। न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति सीएस सुधा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पत्नी की किसी अन्य महिला से तुलना करना मानसिक क्रूरता है। जोकि पत्नी को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।

तो विवाह को टूटा हुआ माना जा सकता है

महिला ने केरल उच्च न्यायालय को बताया कि उसका पति उसे यह कहकर लगातार परेशान करता था कि वह सुंदर नहीं है। वह वैसी नहीं है जिसकी उसे उम्मीद थी, जिससे वो परेशान हो गई। कोर्ट ने इस मामले में मध्यस्थता कर पति-पत्नी दोनों को साथ लाने की भी कोशिश की है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जब पति-पत्नी एक बार अलग हो जाते हैं और यह अलगाव लंबे समय तक जारी रहता है। यदि पार्टियों में से कोई एक तलाक के लिए याचिका दायर करता है, तो विवाह को टूटा हुआ माना जा सकता है।

 

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