# मणिपुर : छात्रों की रिहाई की मांग, राज्य में मचा धमासान !
जब पुलिस ने छात्र संघ की विरोध रैली को रोकने की कोशिश की तो संघ और पुलिस के बीच गतिरोध शुरू हो गया, जिसमे 30 से अधिक छात्र घायल हो गए
मणिपुर के कई इलाकों में सांप्रदायिक तनाव फैलने के कारण राज्य सरकार ने राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया है। आपको बता दें कि फुग्काचाओ इखांग में 7 अगस्त की शाम 3-4 लोगों द्वारा एक वाहन में आग लगाने के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। ऐसे में अगले दो महीने के लिए चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
राज्य में माहौल खराब करने की कोशिश
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि बिष्णुपुर में एक समुदाय के 3-4 युवकों ने एक वैन में कथित तौर पर आग लगा दी। जिसके बाद राज्य में तनावपूर्ण सांप्रदायिक स्थिति पैदा हो गई। मणिपुर के विशेष सचिव (गृह) एच ज्ञान प्रकाश ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिए नफरत भरे पोस्ट से राज्य में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में पांच दिनों के लिए इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है।
राजमार्गों पर असीमित आर्थिक नाकेबंदी
दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुर ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए नए बिल के विरोध में इम्फाल में खूब हंगामा किया है। आदिवासी छात्रों के संगठन द्वारा राजमार्गों पर असीमित आर्थिक नाकेबंदी की गई। इस दौरान वाहनों में तोड़फोड़ की गई और आग के हवाले कर दिया गया।
30 से अधिक आदिवासी छात्र घायल
वहीं जब पुलिस ने छात्र संघ की विरोध रैली को रोकने की कोशिश की तो संघ और पुलिस के बीच गतिरोध शुरू हो गया। इसमें 30 से अधिक आदिवासी छात्र घायल हो गए। पुलिस ने मौके से पांच आदिवासी छात्र नेताओं को हिरासत में लिया। बाद में उन्हें 15 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। छात्र संगठन इन नेताओं की रिहाई की मांग कर रहा है।
उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों को अधिक स्वायत्तता देना
इससे पहले आदिवासी छात्र संगठन ने पहाड़ी क्षेत्रों को तत्काल और अधिक स्वायत्तता देने की मांग की थी। जिसके चलते बंद भी बुलाया गया था। आदिवासी समूह ने मांग की है कि मणिपुर में राज्य विधानसभा में एडीसी (संशोधन) विधेयक 2021 पेश किया जाए। विधेयक का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों को अधिक स्वायत्तता देना है। गौरतलब है कि विरोध पिछले हफ्ते शुरू हुआ था, माना जा रहा है कि यह और तेज हो सकता है।