DIGITAL RAPE : अगर कोई शख्स बिना महिला की सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट्स को ……

80 साल के शख्स को 17 साल की लड़की के साथ सात साल तक कथित तौर पर 'डिजिटल रेप' करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

RAPE एक ऐसा शब्द जो न सिर्फ डरावना है बल्कि एक ऐसा अपराध है। जिसके आगे शायद ही किसी और अपराध को आप तरजीह दे पाएंगे। NCRB के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर रोज 88 बलात्कार होते है।

Rape को कभी केटेगरी में नहीं बांटा जा सकता है। नोएडा पुलिस ने रविवार को एक 80 साल के शख्स को 17 साल की लड़की के साथ सात साल तक कथित तौर पर ‘डिजिटल रेप’ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मौरिस राइडर नाम के इस शख्स पर पीड़िता के साथ अश्लील हरकत करने का भी आरोप लगाया गया था।

अब सवाल ये है की आखिर डिजिटल रेप क्या होता है – अगर कोई शख्स बिना महिला की सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट्स को अपने हाथों से छे़ड़ता है, तो ये डिजिटल रेप कहलाता है। विदेशों में डिजिटल रेप शब्द का काफी इस्तेमाल होता आ रहा है। भारत में भी इसके लिए कानून भी बनाया गया है।

2012 में निर्भया कांड के बाद रेप के कानूनों में बदलाव किए गए। इन बदलावों में डिजिटल रेप को भी शामिल किया गया। रेप के अपराधों को कम करने के लिए IPC की धारा 376 में डिजिटल रेप को भी जोड़ा गया।

अब सवाल ये उठता है की आखिर डिजिटल इंटरनेट से कैसे नहीं जुड़ा है। दरअसल, अंग्रेजी डिक्शनरी में उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है। इसलिए इस तरह की हरकत को डिजिटल रेप नाम दिया गया है।

वहीं अगर इस तरीके के बलात्कारों के आंकड़ों पर जाए तो अमूनन इन मामलों में 70 प्रतिशत वो लोग शामिल होते है। जो पीड़ित के करीबी होते है। वही हैरान कर देने वाली बात ये है की इस तरह के मामले सिर्फ 1 प्रतिशत ही दर्ज होते है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

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