मौत @ 0 km : जिंदगी से जंग हार, चुना मौत का द्वार
एक ने आर्थिक तंगी से जूझकर तो दूसरे ने पुलिस की प्रताड़ना से चुन ली मौत की राह, समय रहते एक को बचाया गया
लखनऊ। उत्तरी ज़ोन के अलीगंज थाना क्षेत्र में युवक ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। गुरुवार सुबह युवक ( boy ) जब काफी देर तक कमरे से बाहर नही आया तो पिता कमरे में जगाने पहुंचा। तो उनके होश उड़ गए।
शव साड़ी के सहारे फंदे से लटका
बताया जा रहा है कि मृतक ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है। अलीगंज थाना क्षेत्र के मेहंदी टोला में 30 वर्षीय रत्नेश प्रधान उर्फ रवी परिवार संग रहता था। गुरुवार सुबह काफी देर तक रत्नेश कमरे से बाहर नही आया तो पिता श्यामलाल उसे जगाने पहुंचे। बेटे रत्नेश का शव साड़ी के सहारे फंदे से लटका हुआ था।
कोरोना काल मे उसकी नौकरी छूट गई थी
इंस्पेक्टर अलीगंज धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। इस सुसाइड नोट में रत्नेश ने लिखा है कि मां मुझे माफ़ कर दो, अगले जन्म में भी तुम्हारा ही बेटा बनूंगा। जो इस जन्म में अधूरा रह गया वो अगले जन्म में पूरा करूंगा | मेरी बेटी का ख्याल रखना। पिता श्यामलाल ने बताया कि रत्नेश एक कंपनी में काम करता था | लेकिन कोरोना काल मे उसकी नौकरी छूट गई थी और तबसे ही वह परेशान रहता था।
पुलिस पर फर्जी मुकदमे में फसाने का आरोप
उन्नाव – एसपी आफिस में अधेड़ ने आत्मदाह का प्रयास किया है। पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया है। हांलाकि पुलिस ने सक्रियता दिखते हुए वो आग नही लगा सका। पुलिस आनन-फानन व्यक्ति को जिला अस्पताल ले गई। व्यक्ति ने पुलिस पर फर्जी मुकदमे में फसाने का आरोप लगाया है। डेढ़ माह से पुलिस पर परेशान करने का आरोप लगाया है। उसने आसीवन थाने में तैनात दरोगा ओम प्रकाश पर आरोप लगाया है। एसपी आफिस में आत्मदाह की सूचना से अधिकारियों में हड़कंप मच गया।