#Sawan: जानिए क्यों करते हैं ? दुर्गा अष्टमी के दिन शिवलिंग की पूजा !
सावन महीने की ‘दुर्गाष्टमी’ का पावन व्रत आज 5 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाता है। ऐसे में ये व्रत हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है।
सावन महीने की ‘दुर्गाष्टमी’ (Sawan Durga Ashtami) का पावन व्रत आज 5 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाता है। ऐसे में ये व्रत हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। ऐसे में सावन महीने (Sawan Month) में मां दुर्गा के साथ-साथ भोलेनाथ और मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होगी।
दुर्गाअष्टमी में करें शिवलिंग की पूजा
सावन में पड़ने वाली दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि सावन मास की दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के साथ-साथ शिवलिंग की पूजा करने से भगवती दुर्गा के साथ-साथ भगवान शिव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि मां दुर्गा और भगवान शिव की पूजा में तुलसी, दुर्वा और मदार के पुष्प का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सावन की दुर्गाष्टमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जातक को धन-धान्य की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार, दुर्गाष्टमी के दिन कन्याओं की विधिवत पूजा करके उन्हें खीर-पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि का भोजन कराएं। ऐसा करने से मां भगवती की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी, जिससे धन धान्य की प्राप्ति होगी।
9 कन्याओं को करायें भोजन
दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले संकल्प, दुर्गा कवच, अर्गला स्त्रोत, कीलक का पाठ करें। उसके पश्चात नवार्ण मंत्र की एक माला का जाप करें। आपको बता दें कि मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन कन्याओं का भोजन करना शुभ माना गया है। ऐसे में पूजा-अर्चना के बाद 9 कन्याओं को भोजन करायें। 2 से 9 वर्ष की नौ कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें अपनी सामर्थ्य के अनुसार उपहार या दक्षिणा आदि भेंट करना बहुत शुभ माना गया है।
बता दें कि अगर 9 कन्याओं को भोजन कराना संभव नहीं हो तो किसी एक कन्या को घर बुलाकर, उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं और लाल रंग की चुनरी भेंट करें। माना जाता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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