केके मेनन की इस फिल्म ने किया बैडमिंटन के प्रति पेरेंट्स को जागरुक !
आपको बता दे की कहानी है एक पिता सिद्धार्थ शर्मा की जो अपनी पत्नी जया यानि श्रीस्वार दुबे और बेटे आदित्य यानि अर्क जैन के साथ भोपाल में रहता है। रेलवे में काम करता है लेकिन वो अखेल कूद पर काफी सारी फिल्मे बनी है जो काफी सुपरहिट हुई है।
हमारे देश में खेल को काफी ज्यादा पसंद किया जाता है खासकर क्रिकेट को इसीलिए अधिकतर बच्चे विराट कोहली, सचिन तेंदुकार, एम एस धोनी जैसा बनना चाहते है लेकिन कुछ पेरेंट्स खेलने से ज्यादा पड़ने को प्राथमिकता देते है इसीलिए बच्चे को भी अपना मन मार के वही करना पड़ता है जो उनके पेरेंट्स चाहते है एक ऐसी ही कहानी बैडमिंटन पर बनी है जिसे हर पैरेंट को देखना जरूरी है ताकि वे अपने बच्चों की भावनाओ को समझे आपको बता दे की कहानी है एक पिता सिद्धार्थ शर्मा की जो अपनी पत्नी जया यानि श्रीस्वार दुबे और बेटे आदित्य यानि अर्क जैन के साथ भोपाल में रहता है। रेलवे में काम करता है लेकिन वो अखेल कूद पर काफी सारी फिल्मे बनी है जो काफी सुपरहिट हुई है।
केके मेनन की ये फिल्म है दमदार
हमें ऐसी एक्टिंग, ऐसी परफॉर्मेंस देखने को मिल रही है। चाहे सख्ती वाले सीन हों या फिर इमोशनल सीन। हर सीन में केके लाजवाब हैं। केके के बेटे का रोल निभाने वाले अर्क जैन बैडमिंटन खिलाड़ी हैं लेकिन एक्टिंग के भी वो खिलाड़ी निकले। पने बच्चे को खेल से दूर रखता है और इसके पीछे की वजह से उसका अतीत। सिद्धार्थ कभी खुद बैडमिंटन चैंपियन था। ओलंपिक के लिए सेलेक्शन से ऐन पहले राजनीति का शिकार हो गया।
पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ जरूर देखनी चाहिए ये फिल्म
उसपर हमला करवाया गया वो फाइनल में तो पहुंचा लेकिन हमले के बाद मिली चोट की वजह से हार गया. उसे खेल कोटा से रेलवे में नौकरी तो मिल गई लेकिन अपने साथ हुए राजनीति के खेल के दर्द को वो कभी नहीं भूल पाया। इसलिए नहीं चाहता कि उसका बेटा भी उस दर्द से गुजरे लेकिन बेटे को स्कूल में बैडमिंटन खेलना पड़ता है। मां और बेटा पिता से ये बात छिपाते हैं लेकिन एक खिलाड़ी की कहानी कब तक छिपी रहेगी फिर क्या होता है, ये देखने के लिए थिएटर जाइए और ये फिल्म देखिए।
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