कर्नाटक सरकार ने हटाया हेडगोवर का पाठ जानिए पूरी वजह !
कुछ ऐसा ही मामला अब एक बार फिर देखने को मिल रहा है और ये फैसला कर्नाटक में लिया गया है। कर्नाटक कैबिनेट ने गुरुवार (15 जून) को वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए राज्य में कक्षा छह से 10 तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम में संशोधन को मंजूरी दे दी।
कुछ महीनो पहले ही ये एलान कर दिया गया था की अब मुगलो का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा आपको बता दे की इस बात से विपक्षी दलो ने हंगामा मचा दिया था कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ”केबी हेडगेवार पर सिलेबस हटा दिया गया है… पिछले वर्ष उन्होंने (पिछली सरकार ने) जो भी बदलाव किए थे, हमने उन्हें बदल दिया है और पिछले से पिछले वर्ष जो कुछ भी था उसे फिर से शुरू किया है। कुछ ऐसा ही मामला अब एक बार फिर देखने को मिल रहा है और ये फैसला कर्नाटक में लिया गया है। कर्नाटक कैबिनेट ने गुरुवार (15 जून) को वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए राज्य में कक्षा छह से 10 तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम में संशोधन को मंजूरी दे दी।
10 तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में होगा सुधार
इसके तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर समेत अन्य लोगों पर केंद्रित अध्यायों को किताबों से हटा दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में यह भी फैसला किया गया कि समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले, इंदिरा गांधी को लिखे गए नेहरू के पत्रों और डॉक्टर बीआर आंबेडकर पर कविता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा और बीजेपी की पिछली सरकार की ओर से किए गए परिवर्तनों को हटाया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में यह भी फैसला किया गया
मंत्रिमंडल ने यह भी फैसला किया कि सभी विद्यालयों और कॉलेजों में प्रतिदिन संविधान की प्रस्तावना के पाठ को अनिवार्य किया जाएगा। RSS के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार से संबंधित पाठ हटाने पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के बयान आए. बीजेपी नेता बीसी नागेश ने यहां तक कहा कि सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है।
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