Indian Women’s Hockey: ऑस्ट्रेलिया नहीं अधिकारियों से हार गई महिला टीम

Indian Women's Hockey: खराब खेल नहीं अधिकारियों की एक गलती से हार गई भारतीय महिला हॉकी टीम !

कामनवेल्थ गेम्स में भारत लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है कॉमनवेल्थ गेम 2022 में अब तक 9 गोल्ड अपने नाम कर लिए हैं . इस मेडल टैली में एक और इजाफा करने के लिए कल भारतीय महिला हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल मुकाबला खेल रही थी लेकिन कल के मुकाबले में ने भारतीय टीम हारी नहीं ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारतीय टीम को हराया बल्कि अधिकारियों ने या कहें अधिकारियों की गलती से भारतीय टीम यह मैच हार गयी।

हम आपको पूरी कहानी समझाएंगे लेकिन आइए उससे पहले जान लेते हैं कि कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला हॉकी टीम का सफर कैसा रहा .

ग्रुप स्टेज में अच्छा प्रदर्शन-

गोलकीपर सविता पुनिया की कप्तानी वाली भारतीय टीम ग्रुप में चार में से तीन मैच जीतने में सफल रही थी उसने घना को 5-0, वेल्स को 3-1 से हराया था वहीँ अपने आखिरी मुकाबले में भारतीय टीम ने कनाडा को भी 3-0 से मात दी थी. भले ही भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ हार मिली थी लेकिन 9 अंकों के साथ भारतीय टीम अंक तालिका में दूसरे स्थान पर काबिज थी . दूसरे नंबर पर काबिज होने के बाद भारतीय टीम को पूल B की टॉप टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के साथ सेमीफाइनल मुकाबला खेलना था.

ऑस्ट्रेलिया वो टीम थी जिसने पूरे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में एक भी गोल नहीं खाया था. भारतीय टीम के लिए चुनौती बड़ी थी लेकिन हर चुनौती से गुजरने के लिए भारतीय टीम तैयार थी.

पहल क्वार्टर-

मैच शुरू हुआ और ऑस्ट्रेलिया ने पहले क्वार्टर से ही भारतीय टीम पर दबाव बनाना शुरू कर दिया कंगारू टीम ने लगातार भारतीय टीम पर काउंटर अटैक किया और दसवें मिनट में ही रेबेका ग्रेइनेर ऑस्ट्रेलिया के लिए गोल दाग दिया। भारतीय टीम को कई मौके मिले लेकिन उसका फायदा टीम नहीं उठा पाई.

दूसरा क्वार्टर

पहले क्वार्टर के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर 1-0 की बढ़त बना ली थी. दूसरे क्वार्टर में भी ऑस्ट्रेलिया-भारत का हमला तेज रहा लेकिन न ही ऑस्ट्रेलिया टीम अपने गोल्स में इजाफा कर पाई और न ही भारतीय टीम अपना खाता खोलने में कामयाब रहे.

तीसरा क्वार्टर-

बारी आई तीसरे क्वार्टर की ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत बेहतरीन रही उन्होंने काउंटर अटैक जारी रखा और उन्हें कई शॉट्स भी मिले लेकिन भारतीय टीम की कप्तान गोलकीपर सविता पुनिया और भारतीय डिफेंस के आगे ऑस्ट्रेलिया की एक न चली और तीसरे क्वार्टर में भी खेल 1- 0 पर रुका हुआ था.

चौथा क्वार्टर

बारी आई चौथे क्वार्टर की और भारत ने वो किया जिसकी सब शुरू से उम्मीद कर रहे थे इस बार भारतीय टीम आक्रामक दिख रही थी। भारतीय खिलाडी लालरेमसियामी ने गेंद को गोल पोस्ट पर डाली और गोआल पोस्ट पर मौजूद वंदना कटारिया ने गोल कर भारत को 1-1 की बराबरी दिला दी.

भारतीय टीम ने आखिरी कुछ मिनट में भी काउंटर अटैक जारी रखा लेकिन कामयाब ना हो सकी और पूरे 60 मिनट के बाद उसको और 11 पर बराबर रहा जिसके बाद बारी आती है शूटआउट की. लेकिन शूटआउट के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने भारतीय टीम को दबाव में डाल दिया।

शूटआउट में खेल –

शूटआउट शुरू हुआ और पहला मौका ऑस्ट्रेलिया को मिला और अंब्रोसिया मेल ऑन स्ट्रोक लेने गई. भारतीय कप्तान सविता ने शानदार अंदाज में गोल को बचाया और ऑस्ट्रेलिया के हाथ निराशा लगी मगर कहानी में ट्विस्ट यही आता है.

अधिकारियों की लापरवाही

शॉट कम्पलीट होने के बाद पता चला कि मैच के अधिकारी घड़ी को ऑन करना ही भूल गए थे जिस वजह से ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी का शॉट अमान्य हो गया. ये वैसे ही जैसे क्रिकेट में कभी बॉल को डेड करार दे दिया जाता है।

इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को दोबारा स्ट्रोक लेने के लिए कहा गया और उन्होंने बिना कोई गलती किए हुए स्ट्रोक दाग दिया। इसने नसिर्फ ऑस्ट्रेलिआई टीम 1-0 से शूटआउट में आगे हो गई बल्कि भारतीय टीम पर दबाव भी बन गया और इस दबाव के चलते भारतीय टीम बिखर गई और शूटआउट 0-3 से हार गई.

इसके बाद सोशल मीडिया पर और अलग-अलग टीवी चैनल पर फैंस और एक्सपर्ट्स ये मान रहे हैं कि अगर अधिकारियों से गलती ना होती तो भारत पर मानसिक तौर पर इतना असर ना होता और शायद मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था.

ये पहली बार नहीं-

वही ये गलती अधिकारियों से पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम में 40 साल के लंबे इंतजार के बाद मैंच जीता था. भारत ने जर्मनी को 5-4 से शिकस्त दे दी थी और इस मैच में भी आखरी टाइमर को लेकर विवाद हुआ था इसके बाद जर्मनी को एक्स्ट्रा पेनेल्टी शॉट मिला था भले ही जर्मनी उसका फायदा नहीं उठा पाई हो लेकिन लगातार अधिकारी बड़े मैचों में गलतियां करते रहते हैं इसका खामियाजा सामने वाली टीम भुगतती आती है.

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