दसवीं में कम नंबर आये हैं तो परेशान न हों ये खबर पढ़िये
अंग्रेजी में एक कहावत है की आ सिंगल शीट ऑफ़ पेपर कैननॉट डिसाईड माई फ्यूचर. अंक हमारे टैलेंट का मूल्यांकन कैसे कर सकते है
अंग्रेजी में एक कहावत है की A सिंगल शीट ऑफ़ पेपर कैननॉट decide माय फ्यूचर और इस कहावत को कई लोगों ने सच भी किया है. बचपन से हमारे ऊपर क्लास में अव्वल आने के लिए दबाव डाला जाता है शर्मा जी के बेटे से लेकर पड़ोसी के लड़के के इतने ज्यादा नंबर आये उससे कुछ सीखो तक लेकर हमें ताने मिलते रहते है. और अगर गलती से हमारे नंबर एग्जाम में खराब आये तो हमारे फ्यूचर तक पर सवाल खड़ा कर दिया जाता है। लेकिन एक ऐसी कहानी आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे आईएएस अधिकारी की कहानी जिन्हे दसवीं क्लास में महज पास होने वाले नंबर मिले थे लेकिन वो आज एक आईएएस अधिकारी बन गए है।
छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी अवनीश शरण ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक साथी आईएएस अधिकारी की कहानी साझा की उन्होंने ट्वीट करते हुआ लिखा की भरूच के कलेक्टर तुषार सुमेरा ने अपनी दसवीं की मार्कशीट शेयर करते हुए लिखा है कि उन्हें 10वीं में सिर्फ पासिंग मार्क्स आए थे. तुषार सुमेरा के 100 में से अंग्रेजी में 35, गणित में 36 और विज्ञान में 38 नंबर ही आए थे. ऐसे नंबर देख कर उनके स्कूल के टीचर्स, गांव के लोग और तो और घर वाले भी ये मान बैठे थे की इस लड़के का कुछ नहीं हो सकता है और ये जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा। लेकिन वो कहते है न की मेहनत और लगन के आगे पहाड़ को भी झुकना पड़ता है और यहाँ भी कुछ वही देखने को मिला जिस इंसान ने सिर्फ पासिंग मार्क्स स्कोर किये थे वो आज एक आईएएस अधिकारी बन गया है। और आज लोग उनसे प्रेरणा लेते है।
भरूच जिले के कलेक्ट हैं तुषार डी. सुमेरा –
वहीँ तुषार डी. सुमेरा की बात करें तो उनके ट्विटर बायो के अनुसार तुषार डी. सुमेरा वर्तमान में भरूच जिले के कलेक्टर और जिलाधिकारी हैं. 2012 में, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बन गए। भरूच में उत्कर्ष पहल अभियान के तहत किए गए कार्यों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर तुषार सुमेरा का जिक्र किया है ।
अनुभवों से सीखें-
जो लोग अच्छी शिक्षा या डिग्री हासिल नहीं कर सके, उनकी फेहरिस्त काफी लंबी है। जिन्होंने कॉलेज या स्कूल की कैंपस लाइफ से ज्यादा अपनी जिंदगी के अनुभवों से सीखा, सही निर्णय लिया और मिसाल बन गए। ये बात सच है की आपको पढाई करनी चाहिए अच्छे से करनी चाहिए लेकिन उसके बाद जरूरी नहीं की क्लास में टोपर होना 90 से 95 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी होता है। परीक्षा में आए चंद अंक हमारे टैलेंट का मूल्यांकन कैसे कर सकते है।