तेलंगाना में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों में हैदराबाद है अव्वल !

हैदराबाद: पुलिस के आंकड़े बताते हैं तेलंगाना में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) और बच्चों को निशाना बनाने वाले....

हैदराबाद: पुलिस के आंकड़े बताते हैं तेलंगाना में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) और बच्चों को निशाना बनाने वाले साइबर अपराध के तहत दर्ज मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।साथ ही दोषियों की संख्या भी बढ़ गई है, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महिला सुरक्षा, स्वाति लकड़ा ने बताया कि हैदराबाद को 2016 में भरोसा केंद्रों की स्थापना के बाद से POCSO अधिनियम के तहत सबसे अधिक मामले दर्ज होने का संदिग्ध गौरव प्राप्त है।

जबकि हैदराबाद 2016 के बाद से 1,879 मामलों के साथ सूची में सबसे ऊपर है। विकाराबाद 2018 के बाद से 327 पोक्सो अधिनियम के मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। ऐसे कई मामले हो सकते हैं जो यौन शोषण से जुड़े ‘कलंक’ की वजह से रिपोर्ट तक नहीं किये जाते हैं।

प्रारंभिक वर्षों में सिखाना है जरूरी 

शीर्ष महिला पुलिस अधिकारी के अनुसार, बच्चे यौन या शारीरिक शोषण, साइबर अपराध, बदमाशी और पीछा करने आदि के बारे में बात करने से डरते हैं। ‘स्वाति लकड़ा ने कहा कि, “बच्चों का मानना ​​है कि अपने माता-पिता को शारीरिक या यौन शोषण के बारे में बताना उन्हें परेशान करेगा। उन्हें डर होगा कि उनके माता-पिता सवाल करना शुरू कर देंगे और उन्हें दोष देंगे।” 

आगे वह कहती है कि, “माता-पिता और बच्चों को उचित और अनुचित स्पर्श के बारे में शिक्षित करने के लिए राज्य भर में कई जागरूकता पहल की गई। अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान, बच्चे समाज और सामाजिक व्यवहार के बारे में सीखते रहते हैं, और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं हो सकती है कि कौन सा व्यवहार उचित है और क्या नहीं। बच्चों को उनके प्रारंभिक वर्षों में यह सिखाना जरूरी है कि सही और गलत स्पर्श क्या है।” 

क्या है भरोसा केंद्र

स्वाति लाकड़ा ने कहा कि भरोसा केंद्रों की स्थापना के बाद से, महिलाओं और बच्चों के लिए एक एकीकृत सहायता केंद्र, माता-पिता के लिए बाल शोषण के मामलों में शिकायत दर्ज करने की आशा की किरण जगी है। भरोसा केंद्र ने सजा दर को 2016 में 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 2022 में 35 प्रतिशत से अधिक कर दिया है, अब तक अधिक माता-पिता और उनके बच्चे हर साल शिकायत दर्ज करने के लिए आगे आ रहे हैं।

ऑनलाइन नॉलेज की कमी

बच्चों के पास ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए जरुरी जानकारी की कमी है, जिसके वजह से वित्तीय शोषण और यौन हमले की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पुलिस विभाग द्वारा 2020 में किए गए एक सर्वे में बच्चों से साइबर सुरक्षा पर कई सवाल पूछे गए। साइबर सुरक्षा और सुरक्षा के बारे में बच्चों की जागरूकता और ज्ञान अविश्वसनीय रूप से कम निकला।

 

 

 

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