#Donald Trump: भारत में यात्रा के दौरान ट्रंप पर कितना हुआ खर्च ? RTI ने किया खुलासा !
विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) ने केंद्र को बताया है कि साल 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति 'डोनाल्ड ट्रंप' (Donald Trump) की 36 घंटे की राजकीय यात्रा पर आवास, भोजन व अन्य व्यवस्थाओं पर करीब 38 लाख रुपये खर्च किये गए थे।
विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) ने केंद्र को बताया है कि साल 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ‘डोनाल्ड ट्रंप’ (Donald Trump) की 36 घंटे (hours) की राजकीय यात्रा पर आवास, भोजन व अन्य व्यवस्थाओं पर करीब 38 लाख रुपये खर्च (Lakh Rupees Spent) किये गए थे। बता दें कि ट्रंप अपनी फैमिली के साथ आये थे। वो अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका, दामाद जेरेड कुशनर (Melania, Daughter Ivanka, son-in-law Jared Kushner) और कई शीर्ष अधिकारियों के साथ अहमदाबाद, आगरा और नई दिल्ली साथ में आये थे।
‘केंद्रीय सूचना आयोग’ (Central Information Commission) ने बताया है कि अपनी पहली भारत यात्रा पर आये ट्रंप ने फैमिली के साथ उन्होंने 22 किलोमीटर लंबे रोड शो (Road Show) में हिस्सा भी लिया था। बता दें कि ट्रंप ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान ‘साबरमती आश्रम’ में ‘महात्मा गांधी’ को श्रद्धांजलि दी और नवनिर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम (Newly constructed Motera Cricket Stadium) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ एक विशाल सभा “नमस्ते ट्रम्प” को भी संबोधित किया था।
यात्राओं का खर्च मेजबान देशों द्वारा उठाना है ‘सुस्थापित प्रथा’
आपको बता दें कि ट्रंप की यात्रा के खर्च को लेकर मांगी गई जानकारी का जवाब देने में देरी के लिए ‘विदेश मंत्रालय’ (foreign Ministry) ने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुये कहा है कि, इस दौरान आयोग को 4 अगस्त (August) को जवाब दिया गया है। ऐसे में मंत्रालय का कहना है कि दूसरे देशों के शासन प्रमुखों की यात्राओं का खर्च ‘मेजबान देशों’ (Host Countries) द्वारा उठाना एक ‘सुस्थापित प्रथा’ (Well Established Practice) मानी गई है।
इस दौरान ‘केंद्रीय सूचना आयोग’ (Central Information Commission) ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुसार होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने 24-25 फरवरी 2020 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत की सरकारी यात्रा के संबंध में आवास, भोजन आदि पर कुल 38 लाख रुपये खर्च का अनुमान बताया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिवेदन पर गौर करने के बाद मुख्य सूचना आयुक्त वाई. के. सिन्हा (Chief Information Commissioner Y. Of. Sinha) ने कहा है कि, इस सिलसिले में मंत्रालय ने संतोषजनक जवाब देने में देरी का कारण बताया है। सिन्हा का कहना है कि अपीलकर्ता ने सुनवाई के नोटिस के बावजूद अपने मामले को आगे नहीं बढ़ाया है। इस सिलसिले में सूचना को लेकर अपीलकर्ता को जो असंतोष बात है। इस दौरान सिन्हा कुछ कह नहीं पा रहें हैं।
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