प्रेसवार्ता कर कैबिनेट मंत्री ने गिनाई मत्स्य विभाग की उपलब्धियाँ !

कहा विभाग का लैण्डलाक्ड प्रदेशों में प्रथम स्थान तथा अन्तर्स्थलीय प्रदेशों में तीसरा स्थान रहा है, मत्स्य उत्पादन का स्तर 7.46 लाख मीट्रिक

उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में मत्स्य विभाग की उपलब्धियॉ गिनाई। साथ ही प्रेस प्रतिनिधियों को बताया कि मत्स्य विभाग ने 100 दिनों के निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया है।

विकास हेतु पर्याप्त जल संसाधन की उपलब्धता

डा0 निषाद ने बताया कि प्रदेश में मत्स्य विकास हेतु पर्याप्त जल संसाधन की उपलब्धता है। जिसका उपभोग कर मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ इस कार्यक्रम में परम्परागत रूप से जुड़े व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु मत्स्य विभाग सक्रिय है।

मत्स्य उत्पादन स्तर 8.09 लाख मीट्रिक टन रहा

प्रदेश में 2020-21 में मत्स्य उत्पादन का स्तर 7.46 लाख मीट्रिक टन रहा है। जो लैण्डलाक्ड प्रदेशों में प्रथम स्थान तथा अन्तर्स्थलीय प्रदेशों में तीसरा स्थान है। वर्ष 2021-22 में प्रदेश का मत्स्य उत्पादन स्तर 8.09 लाख मीट्रिक टन रहा। मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि मत्स्य विभाग द्वारा नदियों में रिवर रैंचिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत 100 दिनों हेतु निर्धारित लक्ष्य 5.00 लाख मत्स्य अंगुलिका संचय के सापेक्ष प्रदेश के 12 जनपदों यथा बिजनौर, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, हरदोई, कानपुर नगर, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी, मीरजापुर, वाराणसी एवं गाजीपुर में गंगाजी नदी में कुल 5.20 लाख मत्स्य बीज अंगुलिका का संचय किया गया।

तालाबों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि

मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश में तालाबों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि लाये जाने हेतु विगत 100 दिनों में मृदा एवं जल के नमूनों के विश्लेषण हेतु निर्धारित लक्ष्य 3950 नमनों के सापेक्ष 4739 नमूनों का विश्लेषण किया गया। जो लक्ष्य के सापेक्ष 121 प्रतिशत है। डा0 निषाद ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 में मत्स्य पालन हेतु नवीन जलक्षेत्र का आच्छादन विगत 100 दिनों में निर्धारित लक्ष्य 750.00 हे0 के सापेक्ष 1076.01 हे0 किया गया है, जो लक्ष्य के सापेक्ष 143.46 प्रतिशत है।

नयी योजना के रूप में लागू किया गया

मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार के लोक संकल्प पत्र के क्रम में निषादराज बोट सब्सिडी योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना स्वीकृत की गयी है। जिसे मछुआ समुदाय एवं मत्स्य पालकों के उत्थान हेतु राज्य सेक्टर की नयी योजना के रूप में लागू किया गया है।

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