नदियों की निर्मलता के लिए समाज की अगुवाई जरूरी – CM योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, निर्मल और अविरल बनने हेतु पीएम मोदी द्वारा नमामि गंगे परियोजना शुरू की गई।
लखनऊ। योगी सरकार 2.0 बनने के बाद से सीएम योगी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। सामाजिक संगठन गंगा समग्र के राष्ट्रीय कार्यकर्ता संगम (अधिवेशन) के समापन में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे सीएम योगी ने नदियों की निर्मलता-अविरलता के संदर्भ में अपना विचार रखा। उन्होंने कहा कि, समाज से जुड़े किसी भी काम में सरकार आगे और समाज पीछे रहे तो सफलता की गुंजाइश कम हो जाती है। जब समाज आगे-आगे चलता है और सरकार पीछे से सहयोग करती है तो वह काम सफल हो ही जाता है।
गंगा दैवीय विभूति:
उन्होंने कहा कि, गंगा भारत वर्ष की नदी संस्कृति है। दुनिया की हर संस्कृति का उद्भव व विकास किसी न किसी नदी के तट पर हुआ है। भारतीय संस्कृति के लिए गंगा एक नदी नहीं, दैवीय विभूति है। गंगा के प्रति हमारी आस्था की वजह सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है। गंगा ने भारत के बड़े भू-भाग को उर्वरा बनाया है। वह लाखों वर्ग किलोमीटर भूमि में बसे लोगों को जीवन देती हैं। हमारे अधिकतर तीर्थ भी गंगा के किनारे ही स्थित हैं।
नमामि गंगे परियोजना हुई शुरू:
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा निर्मल और अविरल बनें, इस हेतु मोदी जी ने नमामि गंगे परियोजना शुरू की। गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी के रूप में सम्मान दिया। गंगा एक्शन प्लान के तहत 1986 में चार राज्यों (उत्तराखंड बनने के कारण अब पांच ) में गंगा को साफ करने के लिए अभियान शुरू किया गया। इसमें भारी धन खर्च हुआ लेकिन नतीजा अच्छा नहीं निकला। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद जब इसका मूल्यांकन किया गया तो पता चला कि गंगा पहले से ज्यादा गंदी हो गई थी। सबसे ज्यादा खराब स्थिति कानपुर में थी।