स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया जायेगा : पर्यटन मंत्री
कहा कि विभाग के विभिन्न संस्थानों के माध्यम से आजादी की लड़ाई में उनके द्वारा दिये गये बहुमूल्य योगदान को आम जनता के बीच पहुँचाया जायेगा
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ( jayveer singh ) ने कहा है कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर अहम निर्णय सुनाया है। संस्कृति विभाग द्वारा आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहूति देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गाँव को चिन्हित करके संस्कृति विभाग के विभिन्न संस्थानों के माध्यम से आजादी की लड़ाई में उनके द्वारा दिये गये बहुमूल्य योगदान को आम जनता के बीच पहुँचाया जायेगा।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग एवं बलिदान से प्रेरणा मिलेगी
इसके अलावा उनके परिजनों को सम्मानित भी किया जायेगा। इससे स्वतंत्रता संग्राम में उनके द्वारा दिये गये योगदान के बारे में आम जनता को बताया जायेगा। इससे आने वाली पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग एवं बलिदान से प्रेरणा मिलेगी और राष्ट्रप्रेम की भावना बलवती होगी।
धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्यवाही
पर्यटन मंत्री आज यहां पर्यटन निदेशालय में संस्कृति विभाग के जुडे विभिन्न संस्थानों को गत वित्तीय वर्ष के दौरान आवंटित बजट एवं उसके विरूद्ध अर्जित की गयी उपलब्धियों एवं भावी योजनाओं के बारे में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग के विभिन्न संस्थानों द्वारा गतिविधियों को और बेहतर बनाये, इसके साथ ही लम्बित देयों का भुगतान 30 जून तक हर हाल में सुनिश्चित करे। इसके साथ ही प्रस्तावित योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित करे।
कलाकारों को प्रोत्साहित करना जरूरी
सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोक कलाओं की विशाल धरोहर है। कुछ लोक कलाएं विलुप्ति की कगार पर है। इन प्राचीन विरासत को पुर्नजीवित करने के लिए कला एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। इसको दृष्टिगत रखते हुए संस्कृति विभाग द्वारा विज्ञापन जारी करके ग्रामाणी क्षेत्रों में रहने वाले कलाकारों से आवेदन पत्र प्राप्त किया जायेगा |
यथाशीघ्र कार्यवाही शुरू करने के निर्देश
मण्डलवार उनकी कलाओं का प्रस्तुतीकरण लखनऊ में कराया जायेगा। इसके पश्चात उनका पंजीकरण कराया जायेगा। पंजीकृत कलाकारों को प्रदेश में आयोजित होने वाले पर्व, त्यौहारों, बड़े मेलों एवं अन्य अवसरों पर अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया जायेगा। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिये है।
वाद्य यंत्रो की किट प्रदान की जायेगी
पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि प्राचीन लोक कलाओं की थाती को संरक्षित करने के लिए प्रदेश की 58 हजार ग्राम्य सचिवालयों को वाद्य यंत्रो की किट प्रदान की जायेगी। जिसके अन्दर ढोल, मजीरा, हारमोनियम आदि वाद्य यंत्र शामिल होंगे। खाली समय में गाँव के लोग पंचायत घरों में बैठकर बिरहा, आल्हा, भजन आदि का गायन कर सकेंगे। इसका उद्देश्य लोक कलाओं को जीवंत बनाये रखने के साथ ही गाँवो में आपसी भाई-चारा एवं सौहार्द को बढावा देना है।