जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण अब तक 863 भवनों में आई दरारें !

चमोली जिलाधिकारी (डीएम) हिमांशु खुराना ने शनिवार को भूस्खलन से प्रभावित चमोली जिले के जोशीमठ के ढाक गांव में चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया।

चमोली जिलाधिकारी (डीएम) हिमांशु खुराना ने शनिवार को भूस्खलन से प्रभावित चमोली जिले के जोशीमठ के ढाक गांव में चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि उत्तराखंड में हाल ही में हुई भारी बर्फबारी के बाद कुछ इलाकों में इमारतों में दरारें चौड़ी होने की खबरें आई हैं। अब तक, जिला प्रशासन ने जोशीमठ शहर क्षेत्र में 863 इमारतों की पहचान की है जिनमें दरारें हैं। डीएम के मुताबिक इसमें से 181 भवनों को असुरक्षित जोन में रखा गया है।

अग्रिम आवास के रूप में 3.27 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण

डीएम ने ग्रामीण विकास विभाग (आरडब्ल्यूडी) को ढाका में जमीन का कंटूर नक्शा जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। प्रभावित लोगों से सुझाव लेकर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) द्वारा एक व्यापक पुनर्वास योजना तैयार की जानी चाहिए। इस बीच, जोशीमठ में 218 प्रभावित परिवारों को अग्रिम आवास के रूप में 3.27 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया जा चुका है।, जोशीमठ के साथ, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और कर्णप्रयाग सहित उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों से भी भूस्खलन की खबरें आ रही हैं।

 (एसडीआरएफ) और पुलिस की टीमें अलर्ट पर

इससे पूर्व शुक्रवार को आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मीडिया को जोशीमठ में किये जा रहे पुनर्वास एवं राहत कार्यों की जानकारी दी और बताया कि आठ प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता के रूप में 4 लाख रुपये की राशि आवंटित कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में 218 प्रभावित परिवारों को 3.27 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अग्रिम आवास के रूप में वितरित की जा चुकी है। खुराना ने कहा कि जोशीमठ में भारी बर्फबारी के कारण किसी भी दुर्घटना की स्थिति में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिस की टीमें अलर्ट पर हैं।

 

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