Mata Vaishno Devi: घने बादलों ने किया अंधियारा तो दिन में ही रोशनी से जगमगा उठा माता वैष्णो देवी का दरबार !

जम्मू-कश्मीर में मौसम ने अचानक करवट ली है और इसका असर रियासी जिले के कटरा में भी देखने को मिला, जहां से माता वैष्णो देवी मंदिर का दरबार मंगलवार को दिन-रात नजर आया।

मौसम का हाल कुछ इस तरह से है कभी बरिश तो कभी धूप इसी तरह कुछ जम्मू-कश्मीर में मौसम ने अचानक करवट ली है और इसका असर रियासी जिले के कटरा में भी देखने को मिला, जहां से माता वैष्णो देवी मंदिर का दरबार मंगलवार को दिन-रात नजर आया। खराब मौसम के कारण तेज बारिश के कारण कुछ ही दिनों में काले बादल छा गए। हालांकि श्राइन बोर्ड ने दिन में ही मेन स्विच ऑन कर दिया, ताकि तीर्थयात्रियों को यात्रा में किसी तरह की दिक्कत न हो। वहीं, मां वैष्णो देवी की पुरानी गुफा के दर्शन का लाभ यात्रियों को भी मिल रहा है। इस पुरानी गुफा को साल में एक बार ही खोला जाता है।

जम्मू कश्मीर में शीतलहर जारी

उधर, अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में शीतलहर जारी है और कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। अधिकारियों के अनुसार, श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.3 डिग्री सेल्सियस नीचे और गुलमर्ग में शून्य से 9.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। जबकि घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना

बारामूला जिले के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यह प्रसिद्ध स्की-रिसॉर्ट जम्मू-कश्मीर का सबसे ठंडा स्थान था। पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात की तुलना में चार डिग्री कम था। मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को छोड़कर अगले पांच दिनों में केंद्र शासित प्रदेश में कहीं-कहीं हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है।

लाखों में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु

गौरतलब है कि 2020 में माता वैष्णो देवी मंदिर में 91 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे। श्राइन बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक जनवरी को बताया कि पिछले नौ साल में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की यह सबसे बड़ी संख्या है। नए साल की पूर्व संध्या पर त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित माता मंदिर में 23,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 के आखिरी दिन 23,110 श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए।

 

 

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