# कर्ज की कहानी : भारत समेत ये पड़ोसी देश भी फेहरिस्त में शामिल, भारत को छोड़ा पीछे !
करीब 90 देश इस समय आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए आईएमएफ के पास जा रहे हैं
हाल के दिनों में श्रीलंका के लोग महंगाई को लेकर नाराज हैं और उन्होंने सरकार के खिलाफ विद्रोही रुख अख्तियार कर लिया है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश छोड़ दिया और श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। भारी कर्ज में डूबे श्रीलंका की तरह पाकिस्तान भी कर्ज में है।
दुनिया में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज लेने के मामले में पाकिस्तान पहले और श्रीलंका दूसरे नंबर पर है। जबकि, भारत का एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश इस सूची में तीसरे स्थान पर है। कोरोना महामारी के बाद दुनिया में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। करीब 90 देश इस समय आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए आईएमएफ के पास जा रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश ने कर्ज के लिए आईएमएफ को एक आवेदन भेजा है।
गिरावट के कारण विदेशी मुद्रा संकट में
मौजूदा आर्थिक संकट के बीच आईएमएफ में जाने वाला बांग्लादेश तीसरा दक्षिण एशियाई देश बन गया है। बांग्लादेश के एक अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक इस देश ने तीन साल में 4.5 अरब डॉलर का कर्ज मांगा है. विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट के बाद बांग्लादेश सरकार ने आईएमएफ से कर्ज मांगा है. बांग्लादेश भी प्राकृतिक गैस सहित अन्य आयातों के बिल में वृद्धि और निर्यात में गिरावट के कारण विदेशी मुद्रा संकट में फंसता दिख रहा है।
कुछ ही देशों को कर्ज देने पर राजी हुआ
आंकड़ों की बात करें तो पाकिस्तान ने 5194 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। वहीं बांग्लादेश ने जुलाई 2022 तक विदेशी मुद्रा भंडार से 76.2 करोड़ डॉलर का कर्ज लिया है। इसके अलावा अफगानिस्तान ने 37.8 करोड़ डॉलर का कर्ज भी लिया है। म्यांमार इस लिस्ट में पांचवें और नेपाल छठे नंबर पर है। आईएमएफ देशों को सख्त शर्तों के साथ कर्ज देता है, इसलिए इसकी शर्तें अक्सर विवाद का कारण बन जाती हैं। सभी देश कर्ज के लिए आईएमएफ की ओर देख रहे हैं, लेकिन वह कुछ ही देशों को कर्ज देने पर राजी हुआ है।