‘हिंदुओं को बांटकर गृहयुद्ध शुरू करने की साजिश’, मौर्य पर बरसी सपा नेता !

हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस के खिलाफ अपमानजनक बयान देने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उनकी ही पार्टी के...

हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस के खिलाफ अपमानजनक बयान देने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उनकी ही पार्टी के नेता ने मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रवक्ता डॉ. रोली तिवारी मिश्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की मांग भी की है। डॉ. रोली ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी ही पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोला है। उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता रोली तिवारी ने शुक्रवार को स्वामी प्रसाद मौर्य पर ट्विटर पर धार्मिक उन्माद और जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने स्वामी प्रसाद को धर्म विरोधी और राष्ट्र के लिए खतरा बताया। इतना ही नहीं रोली तिवारी ने पीएम मोदी और सीएम योगी को टैग करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य पर रासुका लगाकर कार्रवाई की मांग की है। रोली तिवारी ने ट्वीट कर पूछा, ‘क्या सनातन धर्म के खिलाफ साजिश कर हिंदू जातियों को बांटकर देश में गृहयुद्ध जैसे हालात बनाए जा रहे हैं?’ रोली तिवारी पिछले कई दिनों से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जुबानी हमला कर रही हैं।

गुरुवार  को अपने एक ट्वीट में रोली तिवारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को रामचरितमानस पर बहस के लिए चुनौती दी थी।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि, ‘मैं अपनी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री स्वामी प्रसाद मौर्य को श्री रामचरितमानस पर जनता के सामने लाइव डिबेट के लिए आमंत्रित करती हूं। अगर मैं उनसे हार गया तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’

राजनीतिक भविष्य और सनातन धर्म

वहीं, गुरुवार को एक अन्य ट्वीट में रोली ने कहा था कि अगर उन्हें अपने राजनीतिक भविष्य और सनातन धर्म में से किसी एक को चुनना हो तो वह सनातन धर्म को चुनेंगी। अगले दिन यानी शुक्रवार (3 फरवरी) को उन्होंने लिखा कि ‘एक ओर राजनीतिक पद की प्राप्ति थी, दूसरी ओर प्रभु श्रीराम और श्रीरामचरितमानस, मैंने प्रभु श्रीराम को चुना’। रोली तिवारी के इन ट्वीट्स के बाद सपा समर्थक उन पर हमलावर हैं। बता दें कि, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी स्वामी प्रसाद को नसीहत देने के बजाय उनका समर्थन करते नजर आ रहे हैं।

 

 

 

 

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