लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस, ‘राजस्थान मॉडल’ से चलाएगी धमाल !

कांग्रेस 2024 के आम चुनाव से पहले से ही तैयारी कर रही है। भारत जोड़ो जहां पदयात्रा के माध्यम से संगठन और कथा को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है,

कांग्रेस 2024 के आम चुनाव से पहले से ही तैयारी कर रही है। भारत जोड़ो जहां पदयात्रा के माध्यम से संगठन और कथा को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं अपने शासन मॉडल को भी लोगों के बीच पेश करने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पार्टी गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को देश के सामने रखकर राजस्थान में लागू करने पर दांव लगा सकती है। पार्टी का मानना ​​है कि 2019 में जब कई वादे किए गए तो पार्टी के पास दिखाने के लिए अपना गवर्नेंस मॉडल नहीं था। लेकिन अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की योजनाओं को पायलट प्रोजेक्ट की तरह दिखाकर देश के सामने पेश किया जा सकता है।

वास्तव में, पिछले कुछ समय से, पार्टी पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को एक वैकल्पिक शासन मॉडल प्रदान करने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाया गया है। जितनी बार अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल के साथ काउंटर करते हैं या नवीन पटनायक ओडिशा मॉडल के साथ। अब इसी रणनीति के तहत राजस्थान में गहलोत सरकार की कुछ योजनाओं पर मिले फीडबैक के आधार पर इसे 2024 के आम चुनाव में भी पूरे देश में लागू किए जाने वाले घोषणापत्र का अहम हिस्सा बनाया जा सकता है।

सरकारी कर्मचारियों के वोट लौटेंगे पक्ष में

राज्य में पुरानी पेंशन योजना पहले ही लागू हो चुकी है और कांग्रेस इसे चुनावी राज्य में तब से अपनी सबसे बड़ी घोषणा के रूप में पेश कर रही है। पार्टी का मानना ​​है कि पुरानी पेंशन वापसी से चुनाव में प्रभावशाली माने जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के वोट भी उसके पक्ष में लौट आएंगे।

राजस्थान में प्रत्येक परिवार को दिया जाता स्वास्थ्य बीमा

इसके अलावा राजस्थान में गहलोत सरकार जिन योजनाओं पर दांव लगा रही है उनमें चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना सबसे अहम है। कांग्रेस गहलोत सरकार की इस योजना को केंद्र की आयुष्मान योजना के काउंटर के तौर पर पेश कर रही है। योजना के तहत राजस्थान में प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है, इसके अलावा 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जाता है।

प्रदेश में महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित किये जा रहे नि:शुल्क

इसके अलावा गहलोत सरकार ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की। इसे शहरी मनरेगा कहा जा रहा है। इसमें शहरी आबादी को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जा रही है। इसके अलावा इंदिरा रसोई योजना का भी शुभारंभ किया। इसे केंद्र सरकार के मुफ्त राशन का काउंटर माना जा रहा है। इसमें लोगों को बेहद सस्ते दर पर खाना उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही प्रदेश में महिलाओं को सेनेटरी पैड भी नि:शुल्क वितरित किए जा रहे हैं, जिसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।

तीन राज्यों के चुनाव परिणाम होंगे अहम

हालांकि कांग्रेस के सामने इस साल के आखिर में देश में होने वाले चुनाव से पहले राजस्थान में ही लोगों का समर्थन हासिल करने की चुनौती है। वहां पार्टी पहले ही गुटबाजी से परेशान रही है। लेकिन अब माना जा रहा है कि चुनाव खत्म होने तक नेतृत्व नहीं बदला जाएगा। साल के अंत में राजस्थान के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2024 के आम चुनाव से पहले इन तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम काफी अहम होंगे। 2018 में इन तीनों राज्यों में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में मध्य प्रदेश में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने से सरकार हार गई।

 

 

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