कांग्रेस ने फिर किया आतंकवाद का समर्थन, कहा “विस्फोट एक गलती”
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर अप्रत्यक्ष रूप से आतंकियों के साथ खड़ी है। दरअसल, हालिया मामले में कर्नाटक कांग्रेस इकाई के...
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर अप्रत्यक्ष रूप से आतंकियों के साथ खड़ी है। दरअसल, हालिया मामले में कर्नाटक कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मेंगलुरु बम ब्लास्ट के आरोपी मोहम्मद शरीक का समर्थन किया था। कांग्रेस नेता शिवकुमार ने गुरुवार को विस्फोट को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि विस्फोट एक गलती थी।
बिना जांच के शारिक को आतंकवादी कैसे घोषित
आतंकी गतिविधियों में आरोपी मोहम्मद शरीक का बचाव करते हुए कांग्रेस नेता शिवकुमार ने कहा, “उन्होंने (सरकारी एजेंसियों) बिना जांच के शारिक को आतंकवादी कैसे घोषित कर दिया? क्या यह मुंबई जैसा आतंकी हमला था? यह कुछ भी नहीं है। किसी ने इसे गलती से किया होगा।” ”कांग्रेस नेता के इस बयान से ऐसा लगता है जैसे मुंबई आतंकी हमले की तरह इस धमाके में भी 200 लोग मारे गए हों। तो शिवकुमार आरोपी मोहम्मद शरीक को आतंकवादी मानते। अगर आतंकियों का मंसूबा कामयाब हो जाता और कई लोग मारे गए होते तो भी ये शिवकुमार राज्य सरकार पर हमला करते।
अब हमला टल गया है तो पार्टी आतंकियों के बचाव में उतर आई है। क्या आतंकवादी सिर्फ इसलिए आतंकवादी नहीं है कि वह हमले को अंजाम नहीं दे सका सही?दरअसल, मोहम्मद शरीक की पूरी सोच और विचारधारा जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों जैसी ही है। लेकिन कांग्रेस अभी भी आरोपियों का बचाव कर रही है, क्या यह सिर्फ वोट बैंक को खुश रखने के लिए?
मैंगलोर ब्लास्ट के आरोपी के आतंकी लिंक:
कर्नाटक के मंगलुरु में हुए कुकर ब्लास्ट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है। अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी मोहम्मद शरीक एक तरफ मेंगलुरु में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था। दूसरी तरफ आतंकी की मदद से भारत में खिलाफत की हुकूमत लागू करने की कोशिश भी कर रहा था। संगठन आईएसआईएस। मोहम्मद शरीक ने अपने जैसे 40 लोगों को ट्रेनिंग भी दी थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद शारिक शिमोगा जिले के तिरताली कस्बे के शोपुगुड्डे का रहने वाला है। छोटे से शोपुगुड्डे गांव में महज 100 मीटर के दायरे में 5 संदिग्ध आतंकी रहते हैं। इन आतंकियों के नाम मोहम्मद शरीक, अब्दुल मतीन है माज मुनीर, सैयद यासीन और अराफत अली बताए गए हैं। शारिक की गिरफ्तारी के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।
आतंकी की बुआ ने बताया कि
एक रिपोर्ट के मुताबिक, शारिक की मौसी ने मीडिया को बताया कि शारिक हमेशा घर की महिलाओं पर दबाव बनाता था। उन्हें हिंदुओं से बात करने की इजाजत नहीं थी। आतंकी की बुआ ने बताया कि फरवरी 2020 में शिवमोग्गा की दीवारों पर आतंकी संगठन लश्कर और ISIS के समर्थन में लिखे गए नारों में शारिक और उसके साथियों की भूमिका थी। उस समय, उनके पिता ने शारिक को जमानत पर रिहा कर दिया और उन्हें बैंगलोर और उडुपी भेज दिया।
नमाज, इबादत और अल्लाह की बातें
शारिक की बुआ का कहना है कि वहां से लौटने के बाद शारिक अक्सर नमाज, इबादत और अल्लाह की बातें किया करता था। पहले उनकी दाढ़ी छोटी थी, लेकिन वापस आने पर उन्होंने इसे भी बढ़ाना शुरू कर दिया। जब भी उनसे निकाह के बारे में पूछा जाता था तो वह हर बार एक ही जवाब देते थे, ‘मेरा तो सब कुछ अल्लाह है’। कुछ ऐसा करूंगा कि मुझे स्वर्ग में 72 हूर मिलेंगे, वही मेरी असली दुनिया है।’
हमें समाज में सबके साथ रहना है
बुआ ने आगे बताया, ‘उसकी ऐसी हरकतें देखकर हमें लगता था कि वह दीन (इस्लाम) में ज्यादा है। लेकिन हमें नहीं पता था कि वह ये सब करेगा। हमें समाज में सबके साथ रहना है, इसने ऐसा बना दिया है कि हम किसी को मुंह तक नहीं दिखा पा रहे हैं। इस्लाम में किसी की जान लेने की बात नहीं है, यह जुर्म है। पता नहीं किसकी बात सुनकर उसने ये सब किया है।’ सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद शारिक के परिजनों का मानना है कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसकी जान बचाई। नहीं तो उसने जो किया उसके लिए उसकी हत्या की जा सकती थी। उसने यह भी बताया कि शारिक लंबे समय से आईएसआईएस आतंकवादी अब्दुल मतीन के संपर्क में था। लेकिन दोनों साथ में क्या करते थे ये कोई नहीं जानता था।
मोहम्मद शरीक ने आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए प्रेम राज हत्गी नाम के एक हिंदू का आधार कार्ड भी चुराया था। उसने कुकर में इतना विस्फोटक भर रखा था कि उससे पूरी बस के परखच्चे उड़ सकते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक उसके ठिकानों की तलाशी में हिंदू मंदिरों और बच्चों के त्योहारों के नक्शे बरामद हुए हैं। वहीं, उसके मोबाइल से विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक का एक वीडियो भी मिला।
आपको बता दें कि जाकिर नाइक के वीडियो को देखकर कई आतंकियों ने कहा है कि वे कट्टरपंथी बन गए हैं। हालांकि, इतना सब होने के बाद भी अगर कांग्रेस मोहम्मद शरीक को आतंकवादी नहीं मानती है तो पार्टी की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है। यही वजह है कि कांग्रेस पर वोट बैंक की खातिर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगता है।
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