सीएम ममता खेल सकती है ‘कामराज योजना ‘ वाला मास्टर स्ट्रोक, पढ़िए पूरी खबर !

ऐसे में सवाल उठता है कि अब ममता बनर्जी क्या करेंगी? उनका अगला कदम क्या होने जा रहा है? अभी यह साफ नहीं है।

पश्चिम बंगाल की राजनीति में पार्थ चटर्जी और उनसे जुड़े शिक्षा घोटाले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टेंशन बढ़ा दी है। अभी तक पार्थ को मंत्री पद से हटाया गया है, अर्पिता से भी दूरी बनाने की कोशिश की जा रही है।

अगला कदम क्या होने जा रहा है?

लेकिन फिर भी जिस रफ्तार से ईडी की कार्रवाई बढ़ रही है। टीएमसी से जुड़े कई अन्य नेताओं के भी निशाने पर आने की संभावना है। ऐसे में सवाल उठता है कि अब ममता बनर्जी क्या करेंगी? उनका अगला कदम क्या होने जा रहा है? जानकारों का मानना ​​है कि कामराज योजना के तहत ममता बनर्जी अपने पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा ले सकती हैं।

पूरी कैबिनेट अपने दम पर इस्तीफा दे

इस बात की अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा तेज है। जिन मंत्रियों पर संदेह है, जिन पर भ्रष्टाचार के छोटे या बड़े आरोप हैं, उन सभी को सजा मिल सकती है। यह भी संभव है कि पूरी कैबिनेट अपने दम पर इस्तीफा दे दे और फिर सारी शक्ति ममता बनर्जी के पास आ जाए। ऐसे में ममता ही अपनी नई कैबिनेट का पुनर्गठन कर सकती हैं। उन सभी नेताओं को दरकिनार किया जा सकता है। जो या तो गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं या जो जांच एजेंसियों के रडार पर आ सकते हैं।

ये है कामराज योजना

दरअसल, 1962 के चीन युद्ध में हारने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विदेश नीति पर कई सवाल खड़े किए गए थे। यह वह समय था जब वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने देश की जनता पर कर का भारी बोझ डाला था। इस वजह से लोगों के बीच कांग्रेस की लोकप्रियता कम होने लगी। उस घटती लोकप्रियता पर भी मुहर लगी जब कांग्रेस लगातार तीन लोकसभा उपचुनाव हार गई।

दो महीने के भीतर इस्तीफे की झड़ी

ऐसे में तब कुमारस्वामी कामराज ने एक योजना सुझाई। उन्होंने नेहरू को सुझाव दिया कि पार्टी के बड़े मंत्रियों या मुख्यमंत्रियों को सरकार में काम करने के बजाय संगठन को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। यह योजना इतनी शानदार थी कि कांग्रेस कमेटी ने तुरंत इसे मंजूरी दे दी और दो महीने के भीतर इस्तीफे की झड़ी लग गई।

ममता बनर्जी भी बंगाल में बड़ा कदम उठा सकती

पहला इस्तीफा खुद कामराज ने दिया था, वह तब मद्रास (तमिलनाडु) के मुख्यमंत्री थे। उनके अलावा बीजू पटनायक और एसके पाटिल समेत 6 मुख्यमंत्रियों और मोरारजी देसाई, जगजीवन राम और लाल बहादुर शास्त्री समेत 6 मंत्रियों ने अपने पद छोड़कर पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। अब इसी तर्ज पर ममता बनर्जी भी बंगाल में बड़ा कदम उठा सकती हैं। लेकिन कब लगेगा, कब वो बदलाव देखने को मिलेगा, अभी यह साफ नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button