गलवान में सीमा उल्लंघन विवाद के बाद भारत दौरे पर आए चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू, यह रही वजह !
गलवान में सीमा उल्लंघन के बाद चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे।
गलवान में सीमा उल्लंघन के बाद चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे। सामने आई जानकरियों के अनुसार रक्षा मंत्री क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, एससीओ के भीतर आतंकवाद विरोधी प्रयासों और प्रभावी बहुपक्षवाद से संबंधित मामलों पर चर्चा करेंगे।
रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू से भी मिलने की उम्मीद
संगठन के विषय अगर बात करे तो शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित एक अंतर सरकारी संगठन है। भारत के अलावा एससीओ के सदस्यों में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सदस्य देशों के अलावा, दो पर्यवेक्षक देश बेलारूस और ईरान भी एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। इसी के साथ ही भारतीय रक्षा मंत्री के अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू से भी मिलने की उम्मीद है। रूसी रक्षा मंत्री ने आखिरी बार दिसंबर 2021 में पहली भारत-रूस 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए भारत का दौरा किया था।
सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की प्रगति पर चर्चा करने की संभावना
भारत और चीन ने हाल ही में चीन की तरफ चुशूल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 18वें दौर का आयोजन किया। इस बैठक में रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक करने और गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की प्रगति पर चर्चा करने की संभावना है। इसके पहले जयशंकर ने एक वार्ता में बताया था की भारत-चीन संबंधों की स्थिति ‘असामान्य’ है। आपको बताते चले सैन्य वार्ता दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच अंतिम दौर की बातचीत के करीब चार महीने बाद हुई है।
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