चंदौली: बच्चों की पुकार, समस्या का समाधान करो सरकार
योगी राज में जिस उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग को करीब 4 हजार करोड़ रुपये का सालाना बजट मिलता है
योगी राज में जिस उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग को करीब 4 हजार करोड़ रुपये का सालाना बजट मिलता है. उसी उत्तर प्रदेश के एक जिले की हालत कुछ ऐसी है कि यहां बच्चों को अपनी यूनिफॉर्म गंदी कर खेत के कीचड़ के बीच से क्लास में पहुंचना पड़ रहा है. तस्वीरें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के पड़ोस की हैं. जहां एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स खेत के रास्ते अपने स्कूल में कुछ इस तरह से जा रहे हैं.
पूर्वांचल के जिस चंदौली जिले में बीते दिनों स्टूडेंट्स के अपने टीचर को फेयरवेल देते दिखे थे. आज वहां से स्टूडेंट्स की ऐसी तस्वीरें आई हैं जो सरकार से सवाल पूछ रही हैं.दरअसल चंदौली में शिक्षा पाने के लिए नौनिहालों को कितनी मेहनत करनी पड़ रही है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कीचड़ और पानी से भरे खेत से होकर बच्चों को रोज स्कूल जाना पड़ता है.
आजादी के समय बना है स्कूल-
आजादी के समय का बना यह स्कूल आजादी के इतने साल बाद भी विकास की राह ताक रहा है. चन्दौली में स्थित यह परिषदीय विद्यालय ऐसा है. जो बना तो है आजादी के समय से ही. मगर वहां जाने के लिए रास्ता आज तक नहीं बन सका.
स्कूली छात्र और शिक्षक कीचड़ और पानी से भरे खेत से होकर रोजाना विद्यालय जाने को मजबूर हैं. इसकी वजह से आए दिन बच्चे और टीचर गिरकर घायल हो जाते हैं.
बरसात के दिनों में हालात और भी बद से बदतर हो जाते हैं, जहां बरसात के दिनों में स्कूल के चारों तरफ पानी भर जाता है. इसके चलते बच्चों से लेकर टीचर की मुश्किल बढ़ जाती है. यह मामला तब सामने आया, जब स्कूल से जुड़े किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. मुख्यालय से सटे सदर ब्लॉक के मसौनी गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय जाने वाले रास्ते की हालत बारिश के कारण खराब हो चुकी है. यही नहीं, बच्चों को पगडंडी वाले कीचड़ युक्त खेत वाले रास्ते से गुजरना पड़ता है.
गिरकर घायल होतें है बच्चें-
वहीं, शिक्षक भी इसका सामना करने से पीछे नहीं रहते हैं. इसके चलते कई बार बच्चे गिरकर घायल भी हो गए और आए दिन उनके कपड़े भी खराब हो जाते हैं. यही नहीं, दो दिनों से हो रही बारिश के चलते बच्चों और शिक्षकों का आना-जाना दूभर हो गया है.
शिक्षकों की ओर से कई बार जिला अधिकारी को अवगत कराया गया, मगर आज तक इसे लेकर कोई पहल नहीं की गई. कीचड़ और जल भराव होने का कारण बच्चे किस कदर परेशान हो जाते हैं, इन तस्वीरों में देखा जा सकता है.
स्कूल जाने से पहले इनके कपड़े भी खराब हो जाते हैं और इन्हीं कपड़ों में उन्हें घंटों स्कूल में रहना पड़ता है. इतनी बदतर हालत देखकर भी अब तक जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का ध्यान इस पर नहीं जा रहा है.कई बार हम बड़ी विकास योजनाओं की चकाचौंध में कुछ जरूरी चीजें भूल जाती हैं। ये खबर ऐसी ही एक जरूरी चीज याद दिलाने को है। अफसर और बड़ी कोठियों वाले नेता इसे समझ जाएं, तो शायद कुछ बच्चों की जिंदगी बदल जाएगी।