lucknow: सरकारी कागजों में जल रहे हैं अलाव, लेकिन जमीनी हकीकत है कुछ और ?

कानपुर में ठंड के सितम से दर्जनों लोग हो चुके हार्ड अटैक के शिकार। अब लगता है बारी सूबे की राजधानी लखनऊ की। कागजो में सैकड़ो अलाव पॉइंट बनाये गए।

कानपुर में ठंड के सितम से दर्जनों लोग हो चुके हार्ड अटैक के शिकार। अब लगता है बारी सूबे की राजधानी लखनऊ की। कागजो में सैकड़ो अलाव पॉइंट बनाये गए। खानापूर्ति के लिए हर दिन हर पॉइंट पर दहकते हुए अलाव जल रहे । लेकिन हकीकत हम आपको दिखायेगे। कहां अलाव दहक रहे कहां गरीबो का अलाव भी ठंडा कर दिया जिम्मेदारों ने। सिविल अस्पताल के इमेरजेंसी के गेट पर, अटल चौक पर, जीपीओ से राहभवन चौराहे तक, स्वास्थ भवन पुराना हाईकोर्ट चौराहा, बटलर पैलेस, सप्रू मार्ग, खदरा, आलमबाग, परिवर्तन चौक पर अलाव ही नही।

सूबे की राजधानी का हाल बेहाल

बाकी वजन बढ़ाने व खानापूर्ति के लिए गीली लकड़ी भेजी जा रही। ज़ोन 1 में मोनू यादव ठेकेदार के साथ नगर निगम कर्मी के पास अलाव की लकड़ी सप्लाई की है जिम्मेदारी। आखिर एक साथ नौकरी और ठेकेदारी किसके सह पर चल रही… करोड़ो रुपए के बजट में हो रहा है बंदर बांट। राजधानी में अलाव की व्यवस्था ठंडे बस्ते में। हकीकत जाननी है किसी अधिकारी को तो निगम के अधिकारियों, कर्मियों के निजी और सरकारी आवास पर। कार्यालय में रहे तो ब्लोवर घर जाए तो सरकारी लकड़ी है सर्दी दूर करने के लिए। आखिर सीएम के आदेश वहां धराशाही हो रहे है जहां से प्रदेश की व्यवस्था चलती है। जब सूबे की राजधानी का हाल बेहाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों की क्या स्थित होगी।बेजुबानों की मौत की गिनती कौन करेगा ?

बदलते यूपी की तस्वीर में ये भी शामिल है कि राजधानी से आलाव कागजो में तो है हकीकत में नहीं। आखिर गरीबो का आलाव हजम करने वालो पर कब होगी कार्रवाई। इंसानों की ठंड में मरने की गिनती होती है, लेकिन बेजुबानों की मौत की गिनती कौन करेगा। अलाव के सहारे जो इंसानों के साथ अलाव के पास ठंड से बचते है।

नगरीय विकास एवं नगर विकास मंत्री लापरवाही पर कब कार्रवाई करेंगे?

इंसानों की मौत से ज्यादा बेजुबानों की मौत सबसे ज्यादा गुनहगार है। इंसान कही से मौत से बचने की व्यवस्था कर सकता है, लेकिन फुटपाथ पर रहने वाले बेजुबानों की कौन करेगा। साहब लोगो के तो बेजुबान इस हाण्ड कांपने वाली ठंड में ब्लोवर में है। जबकि फुटपाथी बेजुबान शीतलहर के थपेड़े झेल रहे है। नगर निगम के अलाव सप्लाई विभाग ने तो मानवता शर्मसार करने वाला काम कर रही है। आखिर ऐसे लापरवाह गैर जिम्मेदारों पर कब करेंगे प्रमुख सचिव नगर विकास व नगर विकास मंत्री कार्रवाई?

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