#BIRSA MUNDA DEATH ANNIVERSARY : जल, ज़मीन व जनजाति के थे रक्षक !

मुंडा को ईसाई मिशनरियों को चुनौती देने और मुंडा व उरांव समुदायों के साथ धर्मांतरण गतिविधियों के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए जाना जाता है।लोग धरती बाबा के नाम से जानते है

हर वर्ष हमें उन अमर नायकों को याद और नमन करने का अवसर मिलता है। जिन्हें इतिहास के पन्नों में ख़ास जगह नहीं दी गई है। ऐसे ही नायक थे भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) जिन्हें लोग धरती बाबा के नाम से जानते है।

एक संन्यासी होने के साथ-साथ योद्धा भी

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को रांची के दक्षिण-पूर्व में करीब 60 किलोमीटर उलिहातू गांव के एक आदिवासी परिवार में हुआ था। जबकि नौ जून, 1900 को मात्र 25 साल की उम्र में रांची जेल में उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी । बिरसा मुंडा एक संन्यासी होने के साथ-साथ एक योद्धा भी थे ।

धर्मांतरण के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले

बिरसा मुंडा को ईसाई मिशनरियों को चुनौती देने और मुंडा व उरांव समुदायों के साथ धर्मांतरण गतिविधियों के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए जाना जाता है। बिरसा मुंडा एक संन्यासी के रूप में अपने बिरसाइत दर्शन के जरिये ईसाई मिशनरियों की सेवा की आड़ में धर्मपरिवर्तन की चाल से आदिवासी समाज को बचाया। वहीं एक योद्धा के रूप से उनकी धरती छीनने की कोशिश कर रहे ब्रिटिश शासन की जड़ें हिला दीं।

आज़ादी की लड़ाई में शुरुआत किया

बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज़ उठाया और आज़ादी की लड़ाई में योद्धा बनकर उभरे। अपने लोगों पर ज़ुल्म होता देख वे उग्र हो गये। उन्होंने अंग्रेजी चाटुकारों को मार भगाने की ठान लिया और सफल भी हुए।अंग्रेजी चाटुकारों को भगाने के बाद आदिवासियों का विश्वास बिरसा मुंडा पर होने लगा । विद्रोह की आग धीरे-धीरे पूरे छोटानागपुर में फैलने लगी। कोल लोग भी विद्रोह में शामिल हुए. लोगों को विश्वास होने लगा कि बिरसा मुंडा भगवान के दूत के रूप में स्वर्ग से धरती पर भेजे गए है।

रहस्मय तरीके से हुई मौत

अपने कमरे में बिरसा मुंडा आराम से सो रहे थे। काफी मशक्कत के बाद बिरसा मुंडा को गिरफ्तार किया गया। बिरसा मुंडा के खिलाफ मुकदमा चलाया गया। एक जून, 1900 को डिप्टी कमिश्नर ने ऐलान किया कि बिरसा मुंडा को हैजा हो गया है। उनके जीवित रहने की अब कोई संभावना बाकि नहीं है। फिर आखिरकार नौ जून, 1900 को भगवान बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली और इस दुनिया को अलविदा कह गए।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button