Budget 2023: बजट पेश होते ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने साधा बीजेपी पर निशाना, बोली यह बात !
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोक सभा ने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया।सीतारमण ने अपना बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू किया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोक सभा ने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया।सीतारमण ने अपना बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू किया, जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है। पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह, केंद्रीय बजट 2023-24 भी कागज रहित रूप में प्रस्तुत किया गया है।
4. केन्द्र जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं। बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर। 4/4
— Mayawati (@Mayawati) February 1, 2023
जिसके बाद बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट को लेकर केंद्र पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि यह एक पार्टी के बजाय देश के लिए होना चाहिए।
1. माननीया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा संसद के बजट सत्र के पहले दिन आज अभिभाषण में केन्द्र की ओर से कही गई बातें तथा किए गए दावे देश की 100 करोड़ से अधिक महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी आदि से त्रस्त जनता की सान्त्वना व शान्ति के लिए बहुत ही कम। लोग सुखी होंगे तभी देश बढ़ेगा।
— Mayawati (@Mayawati) January 31, 2023
सरकार को उनके स्वाभिमान और स्वावलंबन पर ध्यान देना चाहिए
मायावती ने ट्विटर पर कहा कि पेश किया गया बजट पिछले नौ वर्षों में पेश किए गए बजट के समान ही है, जिसमें आम नागरिकों पर बड़े-बड़े वादे और घोषणाएं की जा रही हैं।
2. इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसेे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों? 2/4
— Mayawati (@Mayawati) February 1, 2023
ग्रामीण भारत को असली भारत बताते हुए मायावती ने कहा कि सरकार की ‘संकीर्ण नीतियों’ और ‘गलत सोच’ का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव ग्रामीण भारत से जुड़े करोड़ों गरीब किसानों और अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार को उनके स्वाभिमान और स्वावलंबन पर ध्यान देना चाहिए ताकि आम आदमी की जेब भरे और देश का और विकास हो सके।
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा,
इस साल का बजट कुछ खास अलग नहीं है। कोई भी सरकार पिछले साल की अपनी कमियां नहीं बताती है बल्कि लोगों को नए-नए वादे करती है। लोग उम्मीदों पर जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों देते हैं?” मायावती ने आगे कहा कि “केंद्र जब भी किसी योजना के लाभार्थियों की बात करता है, तो उसे यह याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचित नागरिकों, किसानों आदि का एक विशाल देश है, जो अपने अमृत काल के लिए तरस रहे हैं। बजट हो तो बेहतर है।” बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा, एक पार्टी की तुलना में देश के लिए अधिक है।
3. सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो। 3/4
— Mayawati (@Mayawati) February 1, 2023
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