आर्मी चीफ का बड़ा बयान, ‘हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार’ !

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन के साथ जारी तनाव के बीच कहा कि उत्तरी सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है और भारतीय सेना किसी भी...

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन के साथ जारी तनाव के बीच कहा कि उत्तरी सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है और भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. इसके अलावा आतंकवाद को लेकर उन्होंने कहा कि सीमा पार से आतंकवाद को समर्थन जारी है. चीन सीमा को लेकर जनरल मनोज पांडेय ने कहा कि चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर लगातार बातचीत चल रही है। उत्तरी सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है। सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सेना प्रमुख ने बताया कि उत्तरी सीमा पर स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित है. वहीं चीन से चर्चा को लेकर कहा कि मैदान पर चर्चा के दौरान 7 में से 5 मुद्दों का समाधान किया गया। तैयारियों के संबंध में पर्याप्त उपाय किए गए हैं।

इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में संघर्षविराम को लेकर उन्होंने कहा कि वहां भी स्थिति ठीक है, लेकिन आतंकवाद को सीमा पार से समर्थन जारी है। हालांकि हिंसक घटनाओं में काफी कमी आई है। जनरल मनोज पांडेय ने बताया कि एलएसी पर हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है।

पिछले 5 साल में सीमा पर करीब 6 हजार किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं। इसमें से 2,100 किमी उत्तरी सीमा पर निर्माण कार्य हो चुका है। इसके अलावा 7450 मीटर का पुल बनाया गया है। प्रदेश में फ्रंटियर हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। अब हर सीजन में 12 माह तक कनेक्टिविटी रहेगी।

घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाली जोजी-ला सुरंग इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगी। शिंकू-ला सुरंग लद्दाख के लिए अंतिम चरण में है। यह लेह को वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इसके अलावा, Saser La टनल से DS-DBO रोड तक वैकल्पिक कनेक्टिविटी होगी। जनरल पांडेय ने बताया कि पिछले 3 साल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब 1300 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वी कमान (अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम) में चीन द्वारा सैनिकों की संख्या में मामूली वृद्धि की गई है। वहीं, हथियारों की आपूर्ति पर कहा कि सेना रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोतों पर विचार कर रही है।

जनरल पांडे ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण रूस से हथियार प्रणालियों और गोला-बारूद का आकलन किया गया है। हमें अगले 2-3 वर्षों के लिए लगभग 40 वस्तुओं के आयात की अनुमति मिली है। हम आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोतों की भी तलाश कर रहे हैं। स्वदेशी उद्योग के लिए ये कदम विस्तार और हमारी जरूरतों को पूरा करने के अच्छे मौके हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, हम इस चुनौती से पार पा लेंगे।

 

 

 

 

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