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नसबंदी कराने आई महिलाओं को दे दिया एनेस्थीसिया, फिर बिना ऑपरेशन किये डॉक्टर हुए गायब, जाने क्या है पूरा माजरा !

 एक तो नसबंदी कराने के लिए जल्दी लोग तैयार नहीं होते, दूसरा जब काफी मशक्कत के बाद लोग तैयार होते हैं। तो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते यह काम पूरा नहीं हो पाता।

 एक तो नसबंदी कराने के लिए जल्दी लोग तैयार नहीं होते, दूसरा जब काफी मशक्कत के बाद लोग तैयार होते हैं। तो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते यह काम पूरा नहीं हो पाता।

बाराबंकी जिले में भी स्वास्थ्य विभाग की ऐसी ही एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां पर नसबंदी के लिए आई महिलाओं को डाक्टरों ने एनेस्थीशिआ का इंजेक्शन लगा दिया। लेकिन जब टीम नसबंदी करने पहुंची तो अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को देखकर डाक्टर ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया।

मामला बाराबंकी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर का है

टीम बिना ऑपरेशन किए ही वहां से वापस लौट आई। जिसके बाद सभी महिलाएं कई घंटे तक बेहोश पड़ी रहीं। वहीं इस मामले के सामने आते ही जिले में हड़कंप मच गया। जिसके बाद सीएमओ ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। यह पूरा मामला बाराबंकी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर का है। जहां पर नसबंदी शिविर लगाया गयाा था। इसके लिए 19 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था। सीएचसी पर नसबंदी के लिए 18 महिलाएं पहुंची।

जानकारी के मुताबिक कि नसबंदी के लिए जिले से आने वाली टीम से बातचीत के बाद सीएचसी के डाक्टर ने पांच महिलाओं को एनेस्थीशिया का इंजेक्शन लगा दिया। जिनमें सोनी, मीना, सुशीला, प्रीति, शीला शामिल हैं। जिसके बाद यह पांचों महिलाएं बेहोश होने लगीं।

परिजनों ने आरोप है कि

जब तक जिले से टीम सीएचसी पहुंची, यह पांचों महिलाएं बेसुध हो चुकी थीं। इनके परिजनों ने आरोप है कि टीम सीएचसी आई। लेकिन ओटी तक जाकर तुरंत वापस लौट आई और कहा कि ओटी में इतनी अव्यवस्था है कि यहां पर किसी भी तरह का ऑपरेशन करना खतरे से खाली नहीं।

उसके बाद टीम बिना ऑपरेशन किए ही बैरंग लौट गई। परिजनों का आरोप है कि महिलाएं करीब चार घंटे तक सीएचसी पर बेहोश रहीं। उसके बाद भी सीएचसी के डाक्टरों ने उनकी कोई सुध नहीं ली।

पूरे मामले की कराई जा रही है जांच

वहीं रामनगर सीएचसी अधीक्षक डा. हेमंत गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन करने वाली टीम के डाक्टर की तबियत कुछ खराब हो गई थी। जिसके चलते वह लौट गए। सभी महिलाओं को एडमिट कर लिया गया था। होश आने के बाद सभी को घर भेज दिया गया। अगली तारीख में कैंप लगने पर आने के लिये बोला गया है।

वहीं बाराबंकी के सीएमओ डाक्टर अवधेश कुमार यादव ने बताया कि सीएचसी रामनगर पर नसबंदी शिविर लगा था। टीम इंजेक्शन देने के बाद बिना ऑपरेशन किए लौट आई। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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