# गजब हाल : 34 स्कूल, 1000 बच्चे लेकिन पास ‘ एक भी नहीं ‘ !
दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि स्कूलों को बंद करने के बजाय, स्कूलों को सुधारने व शिक्षा को निष्पक्ष बनाने के लिए काम करना चाहिए
असम सरकार ने राज्य के 34 स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। इन स्कूलों के 1000 छात्रों में से एक भी छात्र मार्च में हुई 10वीं की बोर्ड परीक्षा में पास नहीं हुआ। ऐसे में राज्य सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
स्कूल जारी रखने का कोई मतलब नहीं
एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने कहा कि शून्य सफलता दर वाले स्कूलों पर करदाताओं का पैसा खर्च करना व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि शिक्षा देना स्कूलों का प्राथमिक कर्तव्य है। यदि कोई स्कूल यह सुनिश्चित नहीं कर सकता है कि उसके छात्र 10वीं की परीक्षा पास कर लें, तो स्कूल जारी रखने का कोई मतलब नहीं है।
जनता का पैसा खर्च नहीं कर सकते
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार शून्य सफलता रिकॉर्ड वाले स्कूलों पर जनता का पैसा खर्च नहीं कर सकती है। यह कार्रवाई राज्य में सबसे खराब 10वीं के परिणाम वाले स्कूलों के खिलाफ की गई है। पिछले 5 साल के आंकड़ों के मुताबिक इस बार चार लाख छात्रों में से आधे से भी कम ने 10वीं की परीक्षा पास की है। तो वहीं 68 स्कूलों में 10 प्रतिशत से भी कम छात्र कक्षा 10 पास कर चुके हैं।
स्कूलों को पड़ोसी स्कूलों के साथ मिलाने की योजना
हालांकि सरकारी स्कूलों को जीरो पास के साथ बंद करने का फैसला किया गया है। लेकिन इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्हें नजदीकी हाई स्कूल में प्रवेश लेने का मौका दिया जाएगा। माध्यमिक प्रशिक्षण निदेशक ममता होजई के अनुसार, इस ट्यूटोरियल के माध्यम से सभी शून्य प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को पड़ोसी स्कूलों के साथ मिलाने की योजना है। ऐसे चौंकाने वाले नतीजों के बाद इन स्कूलों को चलने देने का कोई कारण नहीं है।
दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि स्कूलों को बंद करने के बजाय, स्कूलों को सुधारने व शिक्षा को निष्पक्ष बनाने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने आगे लिखा है कि असम सरकार ने हाल ही में IIT गुवाहाटी के छात्रों की मदद करने के लिए समान रूप से अच्छा प्रदर्शन करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को समर्थन दिया है।