# अमरनाथ हादसा : सामने आए तबाही के खौफनाक मंजर, बचाव कार्य है जारी !
इस हादसे की बात करें तो इसमें अभी तक कुल 15 श्रद्धालुओं की मौत जबकि 40 लोगों के लापता होने की आशंका जताई गई है
जम्मू कश्मीर : अमरनाथ यात्रा की पवित्र गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी नुकसान किया है। इस हादसे की बात करें तो इसमें अभी तक कुल 15 श्रद्धालुओं की मौत जबकि 40 लोगों के लापता होने की आशंका जताई गई है। भारतीय सेना की ओर से लगातार राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही लापता लोगों को तलाशने का काम भी जारी है। ऐसा माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।
सामुदायिक भोजनालय भी इसमें तबाह हो गया
घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं और 5 लोगों को बचाया गया है। आपको पता नहीं इस पवित्र गुफा के पास करीब 15000 श्रद्धालुओं को टेंट में रखा गया थ। लेकिन अचानक बदल फटने से आई बाढ़ की वजह से वहां पर 25 टेंट तबाह हो गए। साथ ही वहां बना सामुदायिक भोजनालय भी इसमें तबाह हो गया। जो कि श्रद्धालुओं को भोजन देने का काम करता था।
फिलहाल अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गई
भारतीय सेना के राहत बचाव कार्य की टुकड़ी की बात करें तो वहां दो बाल रडार एवं दो खोजी कुत्तों को लाया गया है। इनको घटनास्थल पर शरीफाबाद से अभियान के लिए लाया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के कारण अभी फिलहाल अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गई है। इसे बहाल करने के लिए बचाव कार्य पूरा होना जरूरी है।
बादल फटा और पहाड़ की ढलानों से पानी
ज्ञात हो अमरनाथ यात्रा 3 जून को शुरू की गई थी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ के निदेशक अतुल ने बताया कि हमारी कुल 3 टीमें यानी 75 बचाव कर्मी इस अभियान में लगे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश की वजह से करीब शाम 5:30 बजे बादल फटा और पहाड़ की ढलानों से पानी व गार्ड की मोटी धारा घाटी की ओर बहने लगी।
श्रद्धालुओं की मौत के आंकड़े बदलने वाले हैं
तो वहीं गुफा की स्वचालित मौसम केंद्र के अनुसार 4:30 से 6:30 बजे तक 31 मिलीमीटर वर्षा हुई। जम्मू कश्मीर मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने कहा पवित्र गुफा के ऊपर बहुत ही सीमित बादल था। इस साल पहले ऐसी वर्षा हुई थी। लेकिन आकस्मिक बाढ़ नहीं आई थी। फिलहाल अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि यह राहत एवं बचाव कार्य और कितने दिन तक चलेगा। साथ ही अभी कितने और श्रद्धालुओं की मौत के आंकड़े बदलने वाले हैं।