#नई योजना: रामायण सर्किट के बाद परशुराम सर्किट पर तैयार है सीएम योगी का प्लान, जानिए क्यों है खास ?

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामायण सर्किट की तर्ज पर भगवान परशुराम के नाम पर ‘परशुराम सर्किट’ बनाने की तयारी की जा रही है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामायण सर्किट की तर्ज पर भगवान परशुराम के नाम पर ‘परशुराम सर्किट’ (Parshuram Circuit) बनाने की तयारी की जा रही है। बताया गया है ये सर्किट राज्य के छह जिलों को जोड़ा गया है। इसकी कुल लंबाई 500 किमी से ज्यादा होगी। ऐसे में योगी सरकार ने परशुराम सर्किट का प्लान तैयार कर लिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक परशुराम सर्किट 6 जिलों सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर और फर्रुखाबाद से होकर गुजरेगा और इसके माध्यम से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।इस सर्किट योजना को देखते हुये राज्य में लोकसभा चुनाव से पहले ये सर्किट पूरा किया जाएगा।

भगवान परशुराम के जन्मस्थान से जोड़ा सर्किट

बता दें कि यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा सरकार ने परशुराम की जन्मस्थल भूमि को धार्मिक तीर्थ यात्रा के क्षेत्रों को बढ़ावा देते हुए इस नये सर्किट के निर्माण की घोषणा की थी। बताया जा रहा है भाजपा ने ब्राह्मण वर्ग को देखते हुए इस अभियान को बढ़ाने की कोशिश में लगे हुयें हैं।

 इस जानकारी के मुताबिक परशुराम सर्किट नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम, पूर्णागिरि मां मंदिर सीमा को बाबा नीम करौली धाम और जलालाबाद में परशुराम के जन्मस्थान को जोड़ा जायेगा। इस सिलसिले में राज्य सरकार का लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय   (Union Ministry of Road Transport) परशुराम धार्मिक तीर्थ यात्रा के सर्किट का निर्माण किया जायेगा।

सर्किट के साथ ही रोजगार के भी मिलेंगे अवसर

बताया जा रहा है सरकार ने इस सर्किट को बेहतर बनाने के लिए कई परिवहन सुविधायें बढ़ाई जायेंगी और इसके माध्यम से धार्मिक पर्यटन को जानें वाले यात्रियों की सुविधा को देखते हुए तीर्थ यात्रियों को पूर्ण सुविधायें प्राप्त होगीं। ऐसे में वहां के स्थायी स्तर पर लोगों को रोजगार (Employment) के अवसर मिलेंगे।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बनने वाला ये 13वां सर्किट है। इससे पहले रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, कृष्णा/बृज सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, महाभारत सर्किट, सूफी/कबीर सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट के साथ-साथ वन्यजीव और पारिस्थितिकी पर्यटन सर्किट के भी कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। 

 

 

 

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